नोएडा (Noida) में 15 साल की लड़की ने COVID-19 से जान गंवाने वाले 52 वर्षीय पिता की चिता को पुलिसकर्मियों की मदद से मुखाग्नि दी. स्थानीय निवासियों ने जब किशोरी और उसकी मां की मदद करने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था की. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना से संबंध रखता है. पीड़ित अपनी पत्नी और बेटी के साथ नोएडा सेक्टर-19 में रहता था, जहां वह एक घर की रखवाली का काम करता था. मकान मालिक यहां नहीं रहता है.
अधिकारियों के अनुसार, पुलिस सोमवार रात परिवार की मदद के लिए पहुंची और उस व्यक्ति को सेक्टर-31 में स्थित जिला अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस का प्रबंध किया. अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने मंगलवार को शव को सेक्टर-94 में स्थित श्मशान ले जाने में भी परिवार की मदद की.
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स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभारी हरि सिंह ने बताया, 'चूंकि व्यक्ति कोविड-19 रोगी था, इसलिए किसी ने लड़की और उसकी मां की मदद नहीं की और जब उस व्यक्ति की हालत बिगड़ने लगी तो कोई भी उसे अस्पताल ले जाने के लिए आगे नहीं आया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया.'
उन्होंने कहा कि सोमवार को जब उस व्यक्ति की हालत बिगड़ने लगी तो उसकी बेटी ने मदद मांगी, लेकिन कोई काम नहीं आया. इसके बाद वह मदद की तलाश में घर से निकल पड़ी. रात करीब 9 बजे उसे सड़क पर उत्तर प्रदेश पुलिस के आपात सेवा नंबर 112 का वाहन दिखा और उसने मदद मांगी. वाहन में सवार अधिकारियों ने संदेश भेजा, जिसके बाद स्थानीय पुलिस चौकी के कर्मी मदद के लिए उसके घर पहुंचे.
सिंह ने कहा, 'हमने भी स्थानीय लोगों से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन महामारी से उपजे हालात के चलते कोई आगे नहीं आया. किसी तरह हमने एंबुलेंस की व्यवस्था की और व्यक्ति को जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी जान नहीं बच सकी.'
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इसके बाद शव को सेक्टर-19 में स्थित घर में लाया गया और अस्पताल की ओर से एक मेमो जारी किया गया, जिसके बाद लड़की और उसकी मां ने पुलिस से मदद मांगी, जो जानकारी मिलते ही वहां पहुंच गई और अंतिम संस्कार का प्रबंध किया.
उप-निरीक्षक सिंह ने कहा, 'चौकी के तीन कर्मियों, एम्बुलेंस चालक और मैंने हवन सामग्री और अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी की व्यवस्था की. श्मशान में भीड़ थी, लेकिन हमने स्थानीय अधिकारियों से अनुरोध किया और परिवार की स्थिति को देखते हुए एक पुजारी भी मदद करने के लिए सहमत हो गया.' उन्होंने कहा कि शाम पांच बजे अंतिम संस्कार किया गया. उस समय परिवार का कोई पुरुष सदस्य मौजूद नहीं था, लिहाजा मृतक की बेटी ने चिता को मुखाग्नि दी.
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