गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी की सजा पर रोक के मामले में कोर्ट का फैसला सुरक्षित

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में सांसद अफजाल अंसारी को दी गई चार साल की कैद की सजा को लेकर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की

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सांसद अफजाल अंसारी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने गैंगस्टर एक्ट में चार साल की कैद की सजा के खिलाफ गाजीपुर के समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की क्रिमिनल अपील और सजा को बढ़ाने की मांग में दाखिल राज्य सरकार की अपील व दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की पुनरीक्षण याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को फैसला सुरक्षित कर लिया है.

अफजाल अंसारी के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, अजय श्रीवास्तव, डीएस मिश्र व अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गैंगचार्ट में कई सदस्य शामिल हैं लेकिन कार्यवाही केवल तीन लोगों के खिलाफ ही की गई है. ट्रायल कोर्ट में विवेचक का बयान राजनीतिक द्वेषवश की गई कार्यवाही की तरफ इशारा करता है. इसके अलावा मूल मुकदमे में विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के केस में अंसारी को बरी किया जा चुका है. उसी केस के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई है और गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे के बाद उनके खिलाफ दो ही मामले दर्ज हुए और वे भी 2009 एवं 2014 के चुनाव को लेकर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़े हैं. 

स्वयं विवेचक ने ट्रायल कोर्ट में अपने बयान में कहा है कि चार साल तक वह मोहम्मदाबाद थाने के इंचार्ज रहे, अफजाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा तो क्या किसी ने छोटी मोटी शिकायत भी नहीं की. ऐसे में अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता. अलबत्ता राजनीतिक द्वेषवश के मुकदमों में कानून के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट लागू ही नहीं होता. इसलिए अफजाल अंसारी को सुनाई गई सजा निरस्त की जानी चाहिए. 

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अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने राज्य सरकार की तरफ से बहस में कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है. 

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ट्रायल कोर्ट ने ऐसा करने के पीछे अफजाल अंसारी की आयु (70 वर्ष) और उनके दो बार सांसद एवं कई बार विधायक चुने जाने को आधार बनाया है जबकि उनकी आयु जब  अपराध हुआ था, उस समय की देखना चाहिए और घटना के समय अफजाल अंसारी की आयु 58 वर्ष थी. 

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ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी के सांसद एवं विधायक चुने जाने को भी कम सजा का आधार बनाया है, लेकिन यह भी उचित नहीं किया गया. क्योंकि जिन पर देश का भविष्य बनाने का दायित्व है, वे ही अगर अपराध करें तो उन्हें अधिकतम दंड दिया जाना चाहिए था. गैंगस्टर एक्ट में दो वर्ष से दस वर्ष की कैद की सजा व जुर्माने का उपबंध है.

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पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने सरकार की ओर से प्रस्तुत तर्कों पर पूरी तरह सहमति जताई. 

अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए ने चार साल कैद की सजा सुनाई है, जिसके खिलाफ अफजाल अंसारी ने अपील दाखिल की है. अपील में सजा को रद्द करने की मांग की गई है. विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के आधार पर मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और एजाजुल हक पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा कायम किया गया था. हाईकोर्ट ने पूर्व में अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस पर अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. 

सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर स्थगनादेश देते हुए हाईकोर्ट को अपील का निस्तारण 30 जून तक करने का निर्देश दिया था. उधर, राज्य सरकार और दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाने की मांग की. अफजाल की ओर से सरकार की अपील पर आपत्ति दाखिल की गई है.

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