प्राचीन परंपराओं के साथ आधुनिक अनुभव भी... बांके बिहारी मंदिर न्यास कैसे करेगा काम, जानिए डिटेल्स

अध्यादेश के मुताबिक़ 18 सदस्यीय न्यासी बोर्ड बांके बिहारी जी के मंदिर का संचालन करेगा. सरकार का दावा है कि इस कदम से मंदिर समिति के संचालन में वित्तीय पारदर्शिता और तीर्थयात्रियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं में बढ़ावा मिलेगा.

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बांके बिहारी मंदिर के प्रबन्धन को लेकर योगी सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है.
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  • बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए एक नया अध्यादेश लाया गया है, जो परंपरा और प्रबंधन को सुरक्षित बनाएगा.
  • न्यास के पास 20 लाख तक के वित्तीय लेन-देन का स्वतंत्र अधिकार होगा, उससे अधिक के लिए सरकारी अनुमति जरूरी होगी.
  • 18 सदस्यीय न्यासी बोर्ड में विभिन्न धार्मिक परंपराओं और प्रशासनिक पदों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
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लखनऊ:

Banke Bihari Temple Trust: उत्तर प्रदेश के मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के प्रबन्धन को लेकर योगी सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश का उद्देश्य मंदिर की परंपरा को सुरक्षित रखने, प्रबंधन मज़बूत करने और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने का है. मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकार ने सदन के पटल पर इस अध्यादेश के ड्राफ्ट को पेश कर दिया. राज्य सरकार का दावा है कि मंदिर की परंपरा में बिना छेड़छाड़ और बिना राज्य सरकार के हस्तक्षेप के मंदिर में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित हो सकेगा.

20 लाख तक के लेनदेन का न्यास को रहेगा स्वतंत्र अधिकार

अध्यादेश के मुताबिक़ 18 सदस्यीय न्यासी बोर्ड बांके बिहारी जी के मंदिर का संचालन करेगा. सरकार का दावा है कि इस कदम से मंदिर समिति के संचालन में वित्तीय पारदर्शिता और तीर्थयात्रियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं में बढ़ावा मिलेगा. अध्यादेश में कहा गया है कि 20 लाख तक लेन-देन का न्यास को स्वतंत्र अधिकार होगा. अगर किसी मैड में ख़र्च इससे ज़्यादा है तो इसके लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.

प्राचीन परंपराओं के साथ आधुनिक अनुभव भी

योगी सरकार का दावा है कि श्री बांके बिहारी मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए उठाए गए इस कदम से मंदिर की परंपरागत पूजा-पद्धति और धार्मिक मान्यताओं में बिना बदलाव बेहतर प्रबंधन, सुरक्षा और सेवा-सुविधाओं को आधुनिक स्वरूप देने का मौका मिलेगा. इस अध्यादेश के लागू होने से श्री बांके बिहारी जी मंदिर न केवल अपनी प्राचीन आध्यात्मिक परंपराओं को बनाए रखेगा, बल्कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुगम और आधुनिक अनुभव भी प्रदान करेगा.

जानिए क्या है बांके बिहारी न्यास का उद्देश्य

सरकार के मुताबिक़ न्यास का मुख्य उद्देश्य स्वामी हरिदास के समय से चली आ रही पूजा-पद्धतियों, त्यौहारों और अनुष्ठानों की बिना रुकावट चलाने की है. साथ जी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सहज दर्शन की व्यवस्था, प्रसाद वितरण, दिव्यांगजनों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधा मुहैया कराना, यात्री सुविधाएं जैसे पेयजल, विश्राम स्थल, कतार प्रबंधन, गौशाला, अन्नक्षेत्र, यात्रागृह, होटल और प्रदर्शनी कक्ष जैसी आधुनिक सुविधाएं देना है.

18 सदस्यीय न्यासी बोर्ड करेगा संचालन

अध्यादेश के मुताबिक़ न्यास का संचालन 18 सदस्यीय न्यासी बोर्ड करेगा. इसमें 11 नामनिर्दिष्ट सदस्य होंगे, जिनमें 3 वैष्णव परंपरा से, 3 अन्य सनातन परंपराओं से, 3 विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति, 2 गोस्वामी परंपरा से (राज-भोग व शयन-भोग सेवायत) होंगे.

इसके अलावा 7 पदेन सदस्य होंगे, जिनमें जिलाधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, ब्रज तीर्थ विकास परिषद के CEO, धर्मार्थ कार्य विभाग का एक अधिकारी, श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के CEO और राज्य सरकार द्वारा नामित एक सदस्य सम्मिलित होंगे.

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