बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) में उठापटक का दौर जारी है. बसपा प्रमुख एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही हैं. मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला है. मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने पारंपरिक वोट बैंक को आकर्षित करने की कोशिश की. उन्होंने गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य वंचित वर्गों के हितों की बात की.
मायावती ने कहा कि सरकार को गरीबों के लिए काम करना चाहिए. लेकिन यह सरकार नहीं कर है और सरकार की गरीब विरोधी नीति दिख रही है. मायावती ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बताया जा रहा है, लेकिन लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही हैं.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने यूपी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गरीबों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और पहले भी गरीबों के लिए काम किया है. लेकिन यूपी सरकार विकास के मामले में बड़े दावे करती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं से दूर है.
मायावती ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार कांग्रेस की राह पर चल रही है और डॉ अम्बेडकर ग्रामीण समग्र विकास योजना को निक्रिय कर दिया है. उन्होंने सरकार पर लोगों के घर उजाड़ने के आरोप भी लगाए हैं.
मायावती ने बीजेपी सरकार पर धर्मस्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार बजट में बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन उन पर अमल नहीं होता है. गरीबों के लिए आंवटित किए गए पैसे का सही तरीके से उपयोग नहीं होने पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की है.
बहुजन समाज पार्टी में क्या हुआ था?
इससे पहले मायावती ने दो मार्च को आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अन्य पदों से हटा दिया था. इसके अगले दिन उन्हें बसपा से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. बसपा ने अशोक सिद्धार्थ पर पार्टी में गुटबाजी को हवा देने का आरोप लगाया. वहीं आकाश आनंद पर अपने ससुर के सह पर काम करने का आरोप लगा.
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार की जगह रणधीर बेनीवाल को पार्टी का नया नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया है. आनंद कुमार पहले की तरह पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे.
मायावती ने कहा कि था कि अब मैंने यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी और मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा. जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया. मायावती ने अपनी उस बात को आज फिर से दोहराया है कि मेरे लिए पार्टी और मूवमेंट पहले है. भाई-बहन और उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते-नाते आदि सभी बाद में हैं.