उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के 25वें स्थापना दिवस पर समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए इस विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इसी तरह जेलों में निरुद्ध युवाओं को भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि किन्नर समाज के लोगों को ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा उपलब्ध मिलना चाहिए.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इससे जेलों में निरुद्ध युवा सजा पूरी करने के बाद समाज में कोई रचनात्मक कार्य कर अपनी आजीविका कमा सकेंगे. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा प्रदान करके यह मुक्त विश्वविद्यालय समाज के सभी वर्गों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
पटेल ने कहा, “विद्यार्थियों को बाहरी दुनिया का ज्ञान कराने के लिए विश्वविद्यालयों को उन्हें प्रवास पर ले जाना चाहिए. उन्हें विद्यार्थियों को भवन की साज-सज्जा और बागवानी का काम सौंपना चाहिए, ताकि ये बच्चे अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित कर सकें.
"समारोह के मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पिछले 34 वर्षों में आई पहली शिक्षा नीति है और यह 21वीं सदी की प्रथम शिक्षा नीति है. इसका दृष्टिकोण मनुष्य की सभी क्षमताओं का विकास करते हुए श्रेष्ठ वैश्विक नागरिक का निर्माण करना है.”
उन्होंने कहा, “यह शिक्षा नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक संकल्पबद्ध दस्तावेज है. इसमें ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इन सभी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी नियामकीय व्यवस्था में संशोधन किए हैं.”
पाल ने कहा कि आयोग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि अब सभी विश्वविद्यालय 25 प्रतिशत के बजाय 40 प्रतिशत तक ऑनलाइन सामग्री के माध्यम से शिक्षा दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि वंचित तबके से आने वाला कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.
ये भी पढ़ें:-
गुजरात में पुल गिरने के चार दिन बाद नदी में और शव? मोरबी में खोज अभियान जारी
IND vs BAN, T20 World Cup 2022, LIVE Updates: बारिश की वजह से मैच रुका, बांग्लादेश का स्कोर BAN 66/0 (7)
दिल्ली में प्रदूषण से हालात खराब, जानिए एक्सपर्ट की राय