- इलाहाबाद हाई कोर्ट में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क की याचिका पर बड़ी सुनवाई होनी है
- हाईकोर्ट ने सांसद जिया उर रहमान बर्क को संभल के स्पेशल जज कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाई थी
- 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में सांसद जिया उर रहमान समेत सैकड़ों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी
उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में कल (गुरुवार को) इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ी सुनवाई होनी है. संभल से सपा सांसद ज़िया उर रहमान बर्क और जामा मस्जिद के सदर जफर अली की याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगा. इससे पहले 8 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट से संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से अंतरिम राहत दे दी थी. हाई कोर्ट ने संभल के स्पेशल जज एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही लंबित आगे की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बर्क की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था. हाई कोर्ट ने जिया उर रहमान को भी रिजाइंडर एफिडेविट दाखिल करने के लिए समय दिया था. कोर्ट ने इस मामले को टॉप टेन मामलों में में लिस्ट करने का निर्देश दिया था. सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क की तरफ से कोर्ट में पूर्व अपर महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, अधिवक्ता विनीत विक्रम और सैय्यद इक़बाल अहमद पक्ष रख रहे हैं.
राज्य सरकार की तरफ़ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और एजीए रूपक चौबे इस मामले में पक्ष रख रहे हैं. सांसद जिया उर रहमान बर्क ने संभल के स्पेशल जज (एमपी एमएलए)/सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में चल रही पूरी कार्यवाई को रद्द करने कि कोर्ट से मांग करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. 24 नवंबर 2024 को संभल स्थित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी.
संभल हिंसा के मामले में तत्कालीन एसआई दीपक राठी ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें सांसद जिया उर रहमान, सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल समेत सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुक़दमा किया गया था. सभी के खिलाफ एफआईआर नंबर 335/2024 में बीएनएस की धारा 61(2)(ए), 191(2), 191(3), 190, 221, 132, 125, 324(5), 223(बी), 326(एफ), 353(2) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण एक्ट की धारा 3 और 4 में एफआईआर दर्ज की गई थी.
उस मामले में जांच के दौरान सह-आरोपी सुहैल इकबाल का नाम विवेचना के बाद निकाला जा चुका है. जिया उर रहमान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपने खिलाफ दर्ज हुए केस में संभल के स्पेशल जज (एमपी/एमएलए)/सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में 12 जून 2025 को दाखिल चार्जशीट और 18 जून 2025 को संभल कोर्ट द्वारा पारित संज्ञान आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट में चल रही पूरी कार्यवाही को रद्द करने कि मांग की है.
समाजवादी पार्टी सांसद ज़िया उर रहमान बर्क ने हाई कोर्ट से प्रार्थना की है कि आवेदन के लंबित रहने के दौरान तक उनके खिलाफ हिंसा मामले में दर्ज हुई एफआईआर में संभल कोर्ट में दाखिल चार्जशीट और पारित संज्ञान आदेश पर आगे की कार्यवाई पर रोक लगाई जाए. याचिका में कोई अन्य आदेश या निर्देश पारित किए जाने कि भी हाईकोर्ट से मांग की गई है. वहीं इस मामले में संभल जामा मस्जिद कमेटी के चेयरमैन जफर अली की याचिका पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. 15 सितंबर को हाईकोर्ट ने जफर अली के खिलाफ अगले आदेश तक ट्रायल कोर्ट में चल रही आगे किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
हाई कोर्ट ने जफर अली की याचिका को संभल सांसद जिया उर रहमान की याचिका के साथ जोड़ने का आदेश दिया था. अब दोनों की याचिका पर एक साथ सुनवाई होगी. जफर अली ने संभल हिंसा के मामले में ट्रायल कोर्ट में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट को चुनौती दी है. जफर अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से चार्जशीट को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है. 24 जुलाई 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जफर अली को जमानत दे दी थी.
हाई कोर्ट में दलील दी गई थी कि 24 नवंबर 2024 को दर्ज एफआईआर नंबर 335/2024 में जफर अली का नाम शामिल नहीं था. पुलिस की विवेचना के दौरान संभल जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उनको 23 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. संभल हिंसा मामले में विवेचना के बाद जफर अली को भी आरोपी बनाया गया था. दोनों याचिकाओं में राज्य सरकार और एसआई दीपक राठी को प्रतिवादी बनाया गया है. जफर अली की तरफ से कोर्ट ने सीनियर अधिवक्ता कमल कृष्ण और इरशाद अहमद पक्ष रख रहे है. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई करेगी.