बरेली हिंसा में आरोपी नदीम और बबलू खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत

कोर्ट ने कहा कि दर्ज मुकदमे में सजा सात साल से कम है इसलिए गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है और दोनों को अंतरिम राहत दे दी. बता दें कि बरेली के बारादरी थाने में दर्ज हुई FIR में आरोपी नदीम उर्फ नदीम खान और बबलू खान हिंसा के बाद से फरार चल रहे है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली राहत
प्रयागराज:

यूपी के बरेली जिले में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद' पोस्टर को लेकर हुए विवाद के बाद होने वाली हिंसा में शामिल दो आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नदीम उर्फ नदीम खान और बबलू खान को अंतरिम राहत देते हुए चार्जशीट दाखिल होने तक उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. बरेली हिंसा में आरोपी बनाए गए दोनों आरोपी नदीम खान और बबलू खान ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की डबल बेंच ने यह आदेश दिया है। 

आरोपी नदीम खान और बबलू खान दोनों भाई है और बरेली हिंसा के बाद से फरार चल रहे है. दोनों पर पंद्रह पंद्रह हजार का इनाम भी घोषित है. गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों भाइयों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और हिंसा को लेकर दर्ज हुई एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई थी.

याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता राकेश पति तिवारी ने दलीलें पेश की. कोर्ट में कहा गया कि मामले में जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है उसमें सात साल से कम सजा का प्रावधान है. इसलिए याचीकाकर्ता गिरफ्तारी नहीं हो सकते. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों की गिरफ्तारी पर चार्जशीट दाखिल होने तक अंतरिम रोक लगा दी. 

कोर्ट ने कहा कि दर्ज मुकदमे में सजा सात साल से कम है इसलिए गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है और दोनों को अंतरिम राहत दे दी. बता दें कि बरेली के बारादरी थाने में दर्ज हुई एफआईआर नंबर 1145/2025 में आरोपी नदीम उर्फ नदीम खान और बबलू खान हिंसा के बाद से फरार चल रहे है. दोनों के खिलाफ बीएनएस की धारा 121(1), 115(2), 191(2), 190, 221, 132, 191(3), 223, 125, 352 और 299 में एफआईआर दर्ज हुई है. 

हिंसा मामले के दोनों आरोपियों पर पुलिस ने 15-15 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ है. गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने वकीलों के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में राज्य सरकार, बारादरी थाने के एसएचओ और बारादरी थाने के एसआई अखिलेश उपाध्याय को प्रतिवादी बनाया गया है. अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल दोनों गिरफ्तार नहीं होंगे. 

26 सितंबर को आई लव मोहम्मद' पोस्टर को लेकर विवाद के बाद हुए बरेली में हिंसा हुई थी. पुलिस ने बरेली हिंसा में बारादरी, कोतवाली, प्रेम नगर, कैंट और किला थाने में एफआईआर दर्ज की थी. हिंसा में शामिल करीब 100 से ज्यादा नामजद और दो हजार लोगों से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. पुलिस ने हिंसा के मास्टरमाइंड इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष तौकीर रज़ा समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. 

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बरेली पुलिस ने हिंसा में फरार चल रहे तौकीर रज़ा के सात सहयोगियों पर 15-15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है. इसमें हाईकोर्ट पहुंचने वाले नदीम खान और बबलू खान भी शामिल है. इसके अलावा हिंसा में एक और आरोपी अजमल रफ़ी ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. यही नहीं इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (IMC) के युवा जिला अध्यक्ष मोहम्मद साजिद उर्फ साजिद सकलैनी ने भी एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. साजिद भी हिंसा के बाद फरार चल रहा है और गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है.  साजिद की याचिका पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा. अदनान नाम के एक अन्य आरोपी ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है. 

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