इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों के शुल्क में बढ़ोत्तरी पर लगी पाबंदी हटाने पर विचार करने को कहा. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 फरवरी नियत की है. न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति एन. के. जौहरी की पीठ ने निजी स्कूलों के एक संगठन द्वारा दाखिल याचिका पर यह आदेश पारित किया.
याचिका में राज्य सरकार द्वारा पिछली सात जनवरी को लिए गए उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें कोविड-19 महामारी की वजह से निजी स्कूलों में फीस वृद्धि पर पाबंदी लगाने को कहा गया था.
याचिका में दलील दी गई कि सरकार ने कोविड-19 महामारी की वजह से स्कूलों तथा संस्थाओं का सामान्य कार्य बंद रहने के मद्देनजर फीस वृद्धि पर रोक का आदेश जारी किया था, लेकिन अब सरकार ने ही पिछली 11 फरवरी को एक और आदेश पारित करके सभी स्कूल खोलने को कहा है. याचिका में कहा गया कि ऐसे में फीस वृद्धि पर प्रतिबंध जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है.
इस पर शासकीय अधिवक्ता ने सरकार से निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा है.
पीठ ने दलीलों पर गौर करते हुए सरकार से अपेक्षा की है कि वह स्कूलों के खुल जाने के मद्देनजर फीस वृद्धि पर लागू पाबंदी पर पुनर्विचार करेगी.