सदस्यता क्यों नहीं छीनी जा रही? मुख्तार अंसारी के बेटे के समर्थन में उतरे अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में और सरकार में बैठे उन लोगों की सदस्यता क्यों नहीं छीनी जा रही, जो उनके डीएनए पर सवाल उठाते हैं.

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता ख़त्म होने पर सवाल उठाए हैं. लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने अब्बास अंसारी पर पूछ गए सवाल पर कहा कि सरकार ने जानबूझकर उनकी सदस्यता खत्म कराई है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में और सरकार में बैठे उन लोगों की सदस्यता क्यों नहीं छीनी जा रही, जो उनके डीएनए पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे जो लोग उनका डीएनए पूछ रहे हैं. आखिर उनपर सदस्यता खत्म करने की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही. अखिलेश यादव ने अब्बास अंसारी पर हुए फैसले पर कहा कि इस तरह के फैसले जाति के आधार पर किए जा रहे हैं.

मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी यूपी के मऊ जिले की सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक थे. साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अधिकारियों से हिसाब किताब करने वाला विवाहिता बयान देने की वजह से मऊ की कोर्ट ने उन्हें हेट स्पीच का दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई है. इसी सजा के आधार पर फैसले के अगले दिन अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई.

अब्बास अंसारी साल 2022 में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर मऊ सदर से चुनाव लड़े थे. तब सुभासपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था. हालांकि, चुनाव बाद सुभासपा और सपा के रिश्ते कराब हो गए और गठबंधन टूट गया. वर्तमान में सुभासपा बीजेपी के साथ एनडीए गठबंधन में है और पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर यूपी में कैबिनेट मंत्री भी हैं.

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