UPS है मोदी सरकार का तुरुप का पत्ता, OPS और NPS की खासियतें समेटकर लाए एकीकृत पेंशन योजना

UPS की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें पुरानी पेंशन योजना (OPS) तथा राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) की चुनिंदा खासियतें भी शामिल हैं. OPS की ही तरह UPS में भी निश्चित पेंशन सुनिश्चित की जाएगी, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

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UPS में भी OPS की ही तरह निश्चित पेंशन सुनिश्चित की जाएगी, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी...
नई दिल्ली:

पुरानी पेंशन योजना (OPS) को खत्म करने के लिए देशभर में आलोचना का सामना करती आ रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को तुरुप का पत्ता फेंका, और एकीकृत पेंशन योजना, यानी यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम या UPS को मंज़ूरी दे दी, जो अगले वित्तवर्ष, यानी वित्तवर्ष 2025-26 से लागू हो जाएगी. UPS की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें पुरानी पेंशन योजना (OPS) तथा राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) की चुनिंदा खासियतें भी शामिल हैं. OPS की ही तरह UPS में भी निश्चित पेंशन सुनिश्चित की जाएगी, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

UPS में मिलने वाली सुविधाएं...

केंद्र सरकार के हर कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद उसके अंतिम 12 माह के वेतन और महंगाई भत्ते के जोड़ के औसत का आधा, यानी 50 फ़ीसदी पेंशन के तौर पर अनिवार्य रूप से दिया जाएगा. निश्चित पेंशन के अतिरिक्त निश्चित फ़ैमिली पेंशन, निश्चित न्यूनतम पेंशन, मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन, महंगाई राहत तथा रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान भी UPS की खासियतों में शामिल है.

NPS में क्या-क्या मिलता है...?

इसके विपरीत, वर्ष 2004 में लागू की गई NPS के तहत निवेश वृद्धि की संभावनाओं के साथ पेंशन की पेशकश की गई थी. NPS के अंतर्गत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के पास अपनी बचत का एक निश्चित हिस्सा निकालने का विकल्प होता है, और शेष बची राशि को मासिक पेंशन के तौर पर बांट दिया जाता है, ताकि नियमित मासिक आय सुनिश्चित हो जाए. नौकरी के दौरान जमा की गई कुल राशि का 60 फ़ीसदी हिस्सा रिटायरमेंट पर निकाला जा सकता है, जबकि शेष 40 फ़ीसदी राशि से एन्युइटी प्रोडक्ट (annuity product) खरीदा जाता था, जिसकी बदौलत अंतिम वेतन का लगभग 35 फ़ीसदी पेंशन तय हो जाती है.

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OPS में क्या-क्या था खास...?

अब बात करते हैं पुरानी पेंशन योजना, यानी OPS की. OPS के अंतर्गत केंद्र व राज्य कर्मचारियों को उनकी अंतिम बेसिक सैलरी का आधा, यानी 50 फ़ीसदी पेंशन के तौर पर तय था. इसी के साथ, महंगाई से राहत के लिए DA को भी इसमें शामिल किया गया था. अब यही नियम UPS में भी तय किया गया है. यानी, जब भी सरकार महंगाई भत्ता बढ़ाएगी, रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन भी बढ़ेगी. OPS के तहत ग्रेच्युटी भी दी जाती थी, जो UPS में भी बरकरार रखी गई है.

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OPS, NPS का फ़ायदेमंद कॉम्बिनेशन है UPS

सो, कुल मिलाकर नई एकीकृत पेंशन योजना (UPS) हर कर्मचारी के लिए उन फ़ायदों का कॉम्बिनेशन उपलब्ध करवाती है, जो पुरानी पेंशन योजना (OPS) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में दिए जाते हैं. UPS में OPS से निश्चित पेंशन, मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन, निश्चित फ़ैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन जैसी सुविधाएं शामिल की गई हैं.

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इसके अलावा, UPS में NPS की भी एक खासियत को शामिल किया गया है. यह है अंशदायी वित्तपोषित योजना. इससे सुनिश्चित होगा कि कर्मचारी खुद ही अपने पेंशन फ़ंड में योगदान करें, ताकि रिटायरमेंट पर उन्हें ज़्यादा पेंशन मिल सके.

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