Union Budget 2024-25: अगर आप कम कमाते हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है. देश में बढ़ती महंगाई (Inflation) के चलते, सरकार आगामी बजट (Upcoming Budget 2024) में सबसे कम आय वाले लोगों के लिए टैक्स में छूट (Tax Telief) देने पर विचार कर सकती है. हालांकि, अभी तक सरकार ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. लेकिन, कई एक्सपर्ट उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में या तो टैक्स छूट की सीमा (Tax exemption limit) बढ़ाई जा सकती है या फिर टैक्स की दरों (tax rates) में कमी की जा सकती है.
भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई (CII) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का मानना है कि 2024-25 के आगामी पूर्ण बजट में (Budget 2024 Expectations) मुद्रास्फीति के उच्चस्तर को देखते हुए सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए आयकर राहत पर विचार करने की आवश्यकता है. टैक्स के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारा सुझाव है कि इस मोर्चे पर सरलीकरण की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए.
कब पेश होगा बजट 2024?
2024-25 के बजट में मोदी 3.0 सरकार (Modi 3.0 Government) के आर्थिक एजेंडे को पेश करने की संभावना है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) जुलाई के आखिरी सप्ताह में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यूनियन बजट पेश कर सकती हैं. यह उनका लगातार सातवां बजट होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तोड़ने जा रही हैं ये रिकॉर्ड
वित्त मंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार हैं. इससे पहले भारत के वित्त मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे. वहीं, निर्मला सीतारमण ने अब तक, वित्त मंत्री के रूप में अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान छह बजट पेश किए हैं, जिसमें इस साल की शुरुआत में पेश किया गया अंतरिम बजट 2024 (interim budget 2024) भी शामिल है.
भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन में तेजी लाने की तैयरी
पीटीआई-भाषा को दिए एक इंटरव्यू में सीआईआई (CII) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा, भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने को एक संस्थागत मंच बनाने का भी सुझाव दिया.उद्योग मंडल ने कहा कि उसे नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक बनेंगी.
इसके बजाय उसका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन और पिछले दो कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आधार तैयार करेगी.
थोक महंगाई इस साल 4.5 प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद
खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण मई में थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई है.थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने 1.26 प्रतिशत पर थी. मई, 2023 में शून्य से नीचे 3.61 प्रतिशत थी. पुरी ने कहा कि सीआईआई का अनुमान है कि मानसून अच्छा रहने की वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल 4.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी.