Income Tax Saving Tips: नए साल 2023 की शुरुआत हो चुकी है. साल का तीसरा महीना भी शुरू हो गया है. अप्रैल महीने से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में अगर आपने टैक्स सेविंग प्लानिंग (Tax Saving Planning) के बारे में नहीं सोचा है तो फिर फटाफट सोचना शुरू कर दीजिए. आपको 31 मार्च 2023 से पहले इन इन्वेस्टमेंट प्लानिंग के बारे में अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आप अगर टैक्स सेविंग (Tax Saving) से बचने यानी की इनकम टैक्स में छूट (Income Tax Rebate) का दावा करना चाहते हैं तो फिर इसके लिए आपको समय रहते किसी टैक्स सेविंग स्कीम (Tax Saving Schemes) में निवेश करना पड़ेगा.
इस निवेश से जुड़े डॉक्यूमेंट को आप इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) दाखिल करते वक्त दिखाकर इनकम टैक्स छूट (Tax Exemption) का दावा कर सकते हैं. तो समय रहते आप टैक्स से बचने के लिए इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (Investment Planning) शुरू कर दें, क्योंकि अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपको अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप टैक्स बचाने के साथ साथ भविष्य में बेहतर रिटर्न पाने के लिए किसी इन्वेस्टमेंट स्कीम की तलाश में हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. आज हम आपको कई ऐसे स्कीम उसके बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें निवेश करके आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी (80C) के तहत टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. तो चलिए आज आपको हम बताते हैं कि आप किस तरह अपने हिसाब से सही जगह निवेश करके टैक्स बचा सकते हैं.
आपको बता दें कि कि इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत कई ऐसे सरकारी स्कीम्स हैं, जिनमें निवेश करने पर हमें टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) की अनुमति मिलती है. इन स्कीम्स में करने के बाद आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के अमाउंट पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. इनकम टैक्स के सेक्शन 80c के तहत जिन स्कीम्स में निवेश करने पर आपको टैक्स का लाभ दिया जाता है वह इस प्रकार है...
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): यह इनकम टैक्स बचाने के लिए एक शानदार स्कीम है. इसमें निवेश करके आप 7.1% का रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, इस स्कीम के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर आपको 80C के तहत टैक्स छूट दिया जाता है.
- एम्पलाई प्रोविडेंट फंड (EPF): इस स्कीम में निवेश करने पर फिलहाल 8.1 फीसदी तक का रिटर्न मिलता है. इसके साथ ही इनकम टैक्स छूट का भी लाभ दिया जाता है. इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत इसमें 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.
- फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (FD Scheme) : एफडी स्कीम में निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत निवेशकों को 1.5 लाख रुपये का टैक्स छूट दिया जाता है. इस स्कीम में लॉक इन पीरियड 5 साल का होता है. वहीं, एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी बदलाव होता रहता है.
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS): यह एक ऐसा म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसमें आप 100 रुपये की SIP के जरिये निवेश कर सकते हैं. इसमें आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है.
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC): यह पोस्ट ऑफिस की काफी पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम है. इसमें निवेश करने पर ब्याज भी काफी अच्छा मिलता है. इसके साथ ही 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट भी मिलता है. इसका मैच्योरिटी का समय 5 साल का है, जिसमें आप 1,000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें निवेश करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
- अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana): इसमें बहुत कम प्रीमियम देकर आप हर महीने ज्यादा पेंशन (Pension) उठा सकते हैं. वहीं,अगर इसमें पॉलिसीहोल्डर की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को भी आर्थिक मदद दी जाती है. इस स्कीम में निवेश पर आपको 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है.
- सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana): इस योजना के तहत बेटियों का भविष्य आर्थिक तौर पर सुरक्षित करने के लिए 10 साल से कम उम्र की बच्ची का खाता खुलवाकर निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम में 7.6 फीसदी का ब्याज के साथ टैक्स छूट का लाभ मिलता है. सुकन्या समृद्धि खाते में सालाना 250 रुपये से 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. जब आपकी बेटी 21 की हो जाती है तो पूरे ब्याज के साथ आपको पैस मिल जाते हैं.
- यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (ULIPS): इसमें निवेश करने पर आपको 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट का लाभ दिया जाता है. इसके साथ ही आपको इंश्योरेंस का भी फायदा मिलता है. लेकिन यूलिप के तहत सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से अधिक होने पर अतिरिक्त प्रीमियम पर टैक्स लगता है.
- नाबार्ड बॉन्ड ( NABARD): इसके जरिये आप NABARD बॉन्ड खरीदने पर निवेश की गई राशि पर भी 80C के तहत टैक्स के लिए दावा कर सकते हैं.
(किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. अगर आप जल्दबाजी में निवेश करते हैं तो आपको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.)