PPF, सुकन्या समृद्धि योजना में कितनी मिल रही ब्याज? सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जारी की दरें

इन छोटी योजनाओं पर ब्याज दर कितनी होगी, ये वित्त मंत्रालय तय करता है. पिछली 6 तिमाही से इन दरों में कोई चेंज नहीं किया गया. सरकारी बॉन्ड यील्ड और देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ये ब्याज दरें बनाई जाती हैं.

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  • सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया
  • पीपीएफ में 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना में 8.2% की ब्याज दर बरकरार
  • सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम भी 8.2% की ब्याज दर
  • पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और किसान विकास पत्र में 7.5% की ब्याज दर
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Small Savings Schemes: स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलने वाली ब्याज दरों पर सरकार ने बड़ा अपडेट दिया है. ऐसे में अगर आप पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना के साथ पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. आज के समय में एक निवेश से ज्यादा जरूरी है 'सेफ निवेश' होना. जहां रिटर्न भले ही कम हो लेकिन पैसा सुरक्षित रहे. इसके लिए सरकार पोस्ट ऑफिस में स्मॉल सेविंग स्कीम की योजना चलाती है. इन योजनाओं के जरिए सरकार चाहती है कि लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

सरकार ने ब्याज दरों के लिए किया ऐलान

अब बात करते हैं अपडेट की. दरअसल जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही के लिए सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों को नहीं बदला है. इन सेविंग स्कीम्स की बात करें तो इसमें PPF के साथ सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) जैसी योजनाएं चल रहीं हैं.

किस स्कीम में कितनी मिल रही ब्याज?

अलग-अलग योजनाओं की ब्याज दरें भी अलग हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 7.1% की सालाना ब्याज दर से रिर्टन मिलता है, वहीं सुकन्या समृद्धि योजना में 8.2% की वार्षिक ब्याज दर है. सुकन्या समृद्धि योजना योजना बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और शादी के बनाई गई है. इसके अलावा सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में सुकन्या समृद्धि योजना के जैसे ही 8.2%, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में 5 साल के निवेश तक  7.5%, किसान विकास पत्र में 7.5% की ब्याज दर और महिला सम्मान बचत पत्र योजना में 7.5% की ब्याज दर से रिटर्न मिलता है.

कैसे तय होती हैं ब्याज दरें?

आपको बता दें कि इन छोटी योजनाओं पर ब्याज दर कितनी होगी, ये वित्त मंत्रालय तय करता है. पिछली 6 तिमाही से इन दरों में कोई चेंज नहीं किया गया. सरकारी बॉन्ड यील्ड और देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ये ब्याज दरें बनाई जाती हैं. पिछली मॉनेटरी पॉलिसी में RBI की तरफ से  रेपो रेट में 1% की कमी की गई, जिससे बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई. इससे सरकार को बल मिलता है कि वो अपनी योजनाओं में ब्याज दरों को स्थिर रख सके.

रिर्टन के साथ टैक्स की भी बचत

एक आम निवेशक भी यही चाहता है कि जहां उसने पैसा लगाया है वहां रिटर्न में ज्यादा रिस्क ना हो. इसी के लिए इन सरकारी स्मॉल सेविंग स्कीम में लोगों का भरोसा बना हुआ है. एक तरफ रिटर्न की गारंटी है वहीं दूसरी तरफ टैक्स में भी छूट का फायदा ले सकते हैं.

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