भारत में सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plans - SIP) निवेश वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 11 महीने (अप्रैल-फरवरी अवधि में) में 2,63,426 करोड़ रुपये रहा है. यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा बुधवार को जारी डेटा से मिली.यह आंकड़ा एसआईपी निवेश (SIP investment) में सालाना आधार पर 32.23 प्रतिशत की बढ़त को दिखाता है. पूरे वित्त वर्ष 24 में एसआईपी के जरिए निवेश 1,99,219 करोड़ रुपये था.
एसआईपी निवेश में (Mutual Funds SIP Investment),बढ़ोतरी बाजार में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दिखाता है.फरवरी 2025 में एसआईपी निवेश 25,999 करोड़ रुपये रहा है, जो कि जनवरी 2025 में 26,400 करोड़ रुपये था.एम्फी के डेटा के मुताबिक, फरवरी में 44.56 लाख नई एसआईपी शुरू हुई हैं. हालांकि, इस दौरान 55 लाख के करीब एसआईपी बंद भी हुई हैं.
लगातार बढ़ते निवेश के कारण एसआईपी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) बढ़कर 12.38 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल एसेट्स के 19.2 प्रतिशत के बराबर है.
एम्फी द्वारा प्रस्तुत नए आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी के दौरान 8.26 करोड़ एसआईपी खातों ने निवेश में सक्रिय योगदान दिया.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के नेहल मेश्राम के अनुसार, घरेलू निवेशकों ने फरवरी 2025 में इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड में अपनी मजबूत भागीदारी जारी रखी है. इससे इस सेगमेंट में शुद्ध निवेश लगातार 48वें महीने सकारात्मक रहा है.
बाजार में हालिया अस्थिरता के बावजूद, दीर्घकालिक निवेशक अपनी निवेश रणनीतियों के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच अनुशासित निवेश के महत्व को दर्शाता है.
मेश्राम ने आगे कहा, "हालांकि, छोटी अवधि में प्रतिकूल परिस्थितियों ने निवेश प्रवाह को कम कर दिया है, लेकिन निरंतर निवेश से संकेत मिलता है कि घरेलू निवेशकों का विश्वास मजबूत बना हुआ है."
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