वित्तीय सलाह के लिए नहीं होगा 'बेस्ट' और 'नंबर-1' का इस्तेमाल, SEBI की नई ऐड गाइडलाइंस

निवेश से पहले योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें" अब कम से कम 10 फॉन्ट साइज में होने चाहिए ताकि निवेशक उसे साफ-साफ पढ़ सकें.

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बाजार से जुड़े सभी निवेशों का सेबी रेगुलेटर है.
नई दिल्ली:

SEBI में रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों (Investment Advisors) और रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst) को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके विज्ञापनों में दी जाने वाली चेतावनी, उपभोक्ताओं के लिए स्पष्ट और समझने योग्य हो. विज्ञापनों में दी जाने वाली ये चेतावनी "सिक्योरिटीज मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें" अब कम से कम 10 फॉन्ट साइज में होने चाहिए ताकि निवेशक उसे साफ-साफ पढ़ सकें.

इसके साथ ही ऑडियो-विजुअल माध्यमों में इस चेतावनी को साफ और समझाने के हिसाब से पढ़ा जाना चाहिए. ये चेतावनी जिसमें करीब 20 शब्द हैं अगर ये 10 सेकंड तक चले तो इसे देखने और सुनने के पैमाने पर स्पष्ट माना जाएगा.

SEBI की तरफ से जारी इस कोड में ये भी साफ किया गया है कि किस तरह के कम्युनिकेशन को विज्ञापन माना जाएगा. निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट की तरफ से किया गया ऐसा कोई भी कम्युनिकेशन जो निवेशकों के फैसले को प्रभावित कर सकता है उसे विज्ञापन माना जाएगा. इस कम्युनिकेशन में पर्चे, सर्कुलर, ब्रोशर, नोटिस, रिसर्च रिपोर्ट या कोई भी अन्य लेख शामिल होंगे.

इसके अंतर्गत वो कम्युनिकेशन भी शामिल किए जाएंगे जो किसी वायर्ड या वायरलेस माध्यम जैसे कि टेक्स्ट मैसेज, फोन या टेलीविजन से किए जाएंगे. विज्ञापन में विज्ञापन देने वाले का नाम, लोगो, रजिस्टर्ड पता और कुछ अन्य जानकारियां देना भी जरूरी होगा. विज्ञापन में सटीक और स्पष्ट भाषा में जानकारी दी जानी चाहिए.

विज्ञापनों में कोई भी भ्रामक या अस्पष्ट जानकारी या कानून के तहत प्रतिबंधित कुछ भी शामिल नहीं होना चाहिए. विज्ञापन में निवेशक के ज्ञान या अनुभव की कमी का फायदा नहीं उठाया जाना चाहिए. निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट अब बेस्ट', 'नंबर-1', 'टॉप एडवाइजर', 'टॉप रिसर्च एनालिस्ट' या 'अग्रणी(Leading)' शब्द का इस्तेमाल भी अपने विज्ञापन में नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही वो कंपटीशन, स्कीम, गेम्स का भी हिस्सा नहीं बन सकते हैं जिसमें पैसे या गिफ्ट बांटने की व्यवस्था हो.

ये प्रतिबंध संबंधित निवेश सलाहकार या रिसर्च एनालिस्ट से जुड़े अन्य निवेश, रिसर्च या कंसल्टेंसी एजेंसी पर भी लागू होते हैं जो उनके नाम पर विज्ञापन जारी करते हैं. SEBI के ये नए कोड 1 मई से लागू होंगे.
 

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