पेट्रोल-डीज़ल सस्ता होगा...? GST के दायरे में आने से इस तरह घटेंगे दाम, यहां समझें नफ़ा-नुकसान का गणित

पेट्रोल व डीजल पर तरह तीन तरह के टैक्स और ड्यूटी लगते हैं. एक्साइज, वैट और सेस. अभी राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी का करीब 41 प्रतिशत हिस्सा मिलता है. वैट राज्य सरकारों के हिस्से में जाता है.

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पेट्रोल-डीजल अगर जीएसटी के दायरे में आ जाएं तो ऐसे मिलेगा फायदा

नई दिल्ली:

Petrol-Diesel Price: क्या पेट्रोल और डीजल सस्ता होगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि जीएसटी काउंसिल  (GST Council) की बैठक होने जा रही है.जीएसटी काउंसिल की 17 सितंबर, 2021 को लखनऊ में होने वाली अगली बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक- जीएसटी कॉउन्सिल की बैठक में केरल हाई कोर्ट में पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने से जुड़े केरल प्रदेश गांधी दर्शनावेधि, तिरुवनंतपुरम के रिट पीटिशन पर केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर चर्चा हो सकती है.  

पेट्रोल और डीजल पर लगते हैं तीन तरह के टैक्स

बता दें कि पेट्रोल और डीजल पर तरह तीन तरह के टैक्स और ड्यूटी लगते हैं. एक्साइज, वैट और सेस. अभी राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी का करीब 41 प्रतिशत हिस्सा मिलता है. वैट राज्य सरकारों के हिस्से में जाता है. अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने के लिए एक्साइज ड्यूटी और वैट को मर्ज करने में पर कोई प्रस्ताव भविष्य में तैयार होता है तो हमें ये देखना होगा कि राज्यों के राजस्व को कोई नुकसान तो नहीं होगा.  पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने से हमारे राजस्व की कमाई पर पड़ने वाले असर के आकलन के बाद ही हम इस पर अपना स्टैंड तय कर पाएंगे.

यहां आसान भाषा में समझें पेट्रोल-डीजल पर नफे-नुकसान का सारा गणित

दिल्ली में पेट्रोल पर अभी करीब 55 प्रतिशत टैक्स लगता है. अगर 28 प्रतिशत के जीएसटी के हाई स्लैब में भी इसे शामिल किया जाता है तो टैक्स आधा हो जाएगा. इससे दिल्ली में ताजा कीमतों के हिसाब से पेट्रोल 28 रुपये सस्ता हो जाएगा, लेकिन सवाल वही है कि क्या राज्य सरकारें इस बड़े नुकसान को बर्दाश्त करने के लिए तैयार होंगी. ये सबसे बड़ा सवाल है. वैसे अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अतिरिक्त कर लगाकर इस होने वाले नुकसान की भरपाई भी एक विकल्प है. लेकिन क्या इस पर सहमति बनेगी.

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दिल्ली में पेट्रोल का दाम (1 सितंबर, 2021 को)
बिक्री मूल्यएक्साइज़ ड्यूटीकुल VATकुल करवास्तविक मूल्यमूल्य में कर का प्रतिशत
101.3432.9023.3956.2945.0555.55%
दिल्ली में डीज़ल का दाम (1 सितंबर, 2021 को)
बिक्री मूल्यएक्साइज़ ड्यूटीकुल VATकुल करवास्तविक मूल्यमूल्य में कर का प्रतिशत
88.7731.8012.9944.7943.9850.46%

जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा को लेकर ये मामला गरमा गया गया है. दरअसल, इस रिट पेटिशन पर सुनवाई के दौरान 21 जून, 2021 को केरल हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि GST कॉउंसिल भारत सरकार को पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने से जुड़ी याचिका को आगे भेजे. केरल प्रदेश गांधी दर्शनवेध, तिरुवनंतपुरम द्वारा दायर रिट याचिका में केरल उच्च न्यायालय के आदेश के इर्द-गिर्द चर्चा होने की उम्मीद है, जिसमें जीएसटी परिषद को पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत शामिल करने का निर्देश देने की मांग की गई है.इस मामले में केरल उच्च न्यायालय ने 21 जून, 2021 को एक आदेश पारित किया था, जिसमें जीएसटी परिषद को उचित निर्णय लेने के लिए भारत संघ को जीएसटी के तहत पेट्रोल और डीजल को शामिल करने के लिए प्रतिनिधित्व अग्रेषित करने का निर्देश दिया गया था. जीएसटी कॉउंसिल हाई स्पीड डीजल और मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) के अलावा  पेट्रोलियम क्रूड, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को भी जीएसटी में शामिल करने पर चर्चा कर सकती है.

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NDTV के पास मौजूद दस्तावेज़ के मुताबिक जीएसटी कॉउन्सिल की लखनऊ में होने वाली बैठक में जून 2022 के बाद जीएसटी मुआवज़े की स्थिति और इससे निपटने की रणनीति और विकल्पों पर चर्चा होगी. केंद्र सरकार ने राज्यों को बताया है कि अप्रैल, 2020 तक कुल 1,13000 करोड़ रुपये GST कम्पेन्सेशन के तौर पर जारी किया जा चुका है. फिलहाल GST मुआवज़े की पूरी रकम जारी करने के लिए GST कंपंसेशन फंड में पर्याप्त पैसा नहीं है.जून 2022 के बाद उभरने वाली स्थिति पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन भी जीएसटी कॉउन्सिल की बैठक में किया जायेगा.

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