VB-G RAM G का मतलब क्या है? जानिए MGNREGA योजना से कितना है अलग

MGNREGA Name Change: सरकार VB - G RAM G Bill पास होने के बाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की जगह लेगा.

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MGNREGA गांवों में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए कमाई का बड़ा सहारा रही है.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार योजना (,Rural Jobs Scheme) को लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है .सरकार मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Schem) यानी MGNREGA की जगह एक नई योजना लाने की योजना बना रही है. इसके लिए संसद में नया बिल पेश किया जाएगा अगर यह बिल पास हो जाता है तो मौजूदा कानून की जगह नया कानून लागू हो जाएगा.

नई योजना का नाम क्या होगा?

सरकार लोकसभा में Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission Gramin Bill 2025 पेश करेगी.इसे शॉर्ट में VB - G RAM G Bill कहा जा रहा है. यह नया बिल पास होने के बाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की जगह लेगा. पहले खबरें थीं कि इसका नाम पुज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना (Pujya Bapu Gramin Rozgar Guarantee Yojana) हो सकता है लेकिन अब प्रस्तावित नाम इससे अलग बताया जा रहा है.

MGNREGA क्या है और इसकी शुरुआत कब हुई?

MGNREGA की शुरुआत साल 2005 में हुई थी उस समय इसे NREGA कहा जाता था. बाद में साल 2009 में इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम किया गया .इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के हर परिवार को हर साल कम से कम 100 दिन का मजदूरी वाला काम देने की गारंटी दी जाती है. अगर परिवार का कोई भी वयस्क बिना हुनर वाला काम करने को तैयार हो.

ग्रामीण परिवारों के लिए यह योजना क्यों है खास?

MGNREGA गांवों में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए कमाई का बड़ा सहारा रही है. खासकर तब जब गांवों में काम की कमी होती है. यह योजना पंचायतों के जरिए लागू होती है और कई सालों से ग्रामीण इलाकों में रोजगार का अहम जरिया बनी हुई है.

नई योजना में क्या क्या बदलाव हो सकते हैं?

नए बिल के तहत सबसे बड़ा बदलाव काम के दिनों को लेकर हो सकता है. सरकार 100 दिन की जगह 125 दिन का रोजगार देने की तैयारी कर रही है. यानी गांव के लोगों को साल में 25 दिन ज्यादा काम मिल सकता है .इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंड देने का तरीका भी बदला जा सकता है.

अभी MGNREGA में केंद्र और राज्यों के बीच खर्च का हिस्सा अलग अलग तरह से तय होता है कई मामलों में यह 90 और 10 के अनुपात में होता है. नए बिल में इसे बदलकर 60 और 40 करने का प्रस्ताव है यानी राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है.

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नए बिल में कहा गया है कि इस योजना का मकसद विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के साथ ग्रामीण विकास को जोड़ना है. सरकार चाहती है कि गांवों में रोजगार और आजीविका के मौके बढ़ें ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो.

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