Income Tax बचाना है, तो इन 5 शानदार योजनाओं में ज़रूर करें इन्वेस्ट

आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी पांच बचत योजनाएं, जिनमें निवेश कर आप शानदार रिटर्न तो पा ही सकते हैं, इनकम टैक्स में भी हज़ारों रुपये की बचत कर सकते हैं.

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नई दिल्ली:

वित्तवर्ष 2024-25 की पहली छमाही खत्म होने को है, यानी आधा वित्तवर्ष बीतने जा रहा है, और ज़्यादातर वेतनभोगी, यानी नौकरीपेशा लोग इसी उधेड़बुन में हैं कि भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से बचत करने के बाद कहां निवेश करें, ताकि इनकम टैक्स (Income Tax) में भी बचत हासिल हो सके, और गारंटीड रिटर्न भी मिले. पुरानी टैक्स व्यवस्था, यानी Old Income Tax Regime के अंतर्गत इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने वाले टैक्सपेयरों को सरकार अब भी आयकर अधिनियम, यानी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी (Section 80C of Income Tax Act) के तहत ₹1,50,000 तक के चुनिंदा निवेश पर आयकर, यानी इनकम टैक्स में छूट देती है. इसलिए देखा जाए, तो मोटे तौर पर इनकम टैक्स बचत के लिए वेतनभोगियों के पास यही बेहतरीन विकल्प है. आइए जानते हैं, ऐसी पांच बचत योजनाएं, जिनमें निवेश कर आप शानदार रिटर्न पा सकते हैं, और इनकम टैक्स भी बचा सकते हैं.

KVP, यानी किसान विकास पत्र

भारतीय डाक विभाग द्वारा संचालित यह छोटी बचत योजना अन्य कुछ योजनाओं की तुलना में ज़्यादा ब्याज़ पाती है. परन्तु इस योजना में किए गए निवेश की मैच्योरिटी 115 महीने में, यानी 9 साल 7 महीने में होती है. इस योजना में निवेश की न्यूनतम सीमा ₹1,000 है, और कोई अधिकतम सीमा नहीं है. इस योजना में ₹1,000 के बाद ₹100 के गुणकों में निवेश किया जा सकता है. किसान विकास पत्र, यानी KVP में निवेश करने के लिए किसी भी निवेशक को डाकघर, यानी पोस्ट ऑफ़िस ही जाना होगा. मौजूदा दरों के अनुसार, इस योजना में निवेशित रकम दोगुनी होकर 9 साल 7 महीने में लौट आती है, क्योंकि इस वक्त इस योजना में किए गए निवेश पर केंद्र सरकार 7.4 फ़ीसदी की दर से ब्याज़ अदा करती है.

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NSC, यानी राष्ट्रीय बचत पत्र

India Post, यानी डाक विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बचत पत्र (आठवां निर्गम) निवेश के लिए बेहद लोकप्रिय इन्स्ट्रूमेंट है. छोटी बचत योजनाओं में शुमार होने वाली NSC योजना में पांच साल के लिए निवेश किया जाता है, और इसमें भी निवेश की न्यूनतम सीमा ₹1,000 है, जिसके बाद ₹100 के गुणक में रकम जमा करवाई जा सकती है. इस योजना में भी निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. NSC को देशभर के किसी भी डाकघर से खरीदा जा सकता है, जो ठीक पांच साल में मैच्योर होगा. केंद्र सरकार इस वक्त NSC पर 7.7 फ़ीसदी ब्याज़ अदा कर रही है. राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेशित प्रति ₹1,000 पांच साल बाद होने वाली मैच्योरिटी पर ₹1,449 बनकर मिलंगे.

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SCSS, यानी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

सेवानिवृत्त, यानी रिटायर हो चुके नौकरीपेशाओं के लिए लॉन्च की गई थी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, यानी SCSS, और इसकी खासियत यही है कि केंद्र सरकार इस वक्त इससे ज़्यादा ब्याज किसी भी बचत योजना में नहीं देती है. मौजूदा वक्त में SCSS में किए निवेश पर सरकार 8.2 फ़ीसदी की दर से ब्याज़ अदा कर रही है, और ब्याज की यह दर इसके अलावा सिर्फ़ सुकन्या समृद्धि योजना में लागू होती है. SCSS में सिर्फ़ एकमुश्त, यानी Lump Sum निवेश संभव है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹30 लाख है, हालांकि निवेश की न्यूनतम सीमा SCSS में भी ₹1,000 ही है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में अदा किया जाने वाला ब्याज़ हर तिमाही में कैलकुलेट कर निवेशक को दे दिया जाता है. SCSS खाता पांच साल में मैच्योर हो जाता है, हालांकि इसे तीन साल के लिए एक्सटेंड किया जा सकता है.

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SSA, यानी सुकन्या समृद्धि योजना

निवेश पर टैक्स में बचत, ब्याज पर इनकम टैक्स नहीं, और परिपक्वता राशि, यानी मैच्योरिटी अमाउंट भी पूरी तरह टैक्स फ़्री - केंद्र सरकार की EEE कैटेगरी की बेहद शानदार स्कीम है सुकन्या समृद्धि योजना, यानी SSA. इस योजना में निवेश का अधिकार सिर्फ़ उन्हीं भारतीय नागरिकों को मिलता है, जिनकी बेटी या बेटियों की उम्र 10 साल से कम है. सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत अधिकतम दो बेटियों के लिए (दूसरी बार संतानोत्पत्ति के समय जुड़वां बेटियां होने की स्थिति में तीन बेटियों के लिए) खाता खुलवाया जा सकता है.

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सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत हर साल अधिकतम ₹1,50,000 जमा करवाए जा सकते हैं, और योजना के खाते में हर साल न्यूनतम ₹250 जमा करवाना ज़रूरी होता है. इस योजना में भी केंद्र सरकार इस वक्त अधिकतम ब्याज, यानी 8.2 प्रतिशत की दर से चक्रवृद्धि ब्याज़ अदा कर रही है. SSA खाते की मैच्योरिटी 21 साल की अवधि पूरा होने पर होती है, परन्तु अभिभावक को इसमें सिर्फ़ 15 साल तक निवेश करना पड़ता है. जैसा पहले बताया गया है, सुकन्या समृद्धि योजना खाते की सबसे बड़ी खासियत इसका EEE कैटेगरी में होना है, जिसका अर्थ होता है - निवेशित रकम पर प्रतिवर्ष इनकम टैक्स में बचत हासिल होने के साथ-साथ मैच्योरिटी, यानी परिपक्वता पर मिलने वाली समूची रकम (निवेश तथा ब्याज़) पर भी कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता.

PPF, यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड या लोक भविष्य निधि

डाक विभाग द्वारा संचालित सबसे लोकप्रिय योजना है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, यानी PPF, और इसकी खासियत भी सुकन्या समृद्धि योजना की तरह इसका EEE कैटेगरी में होना है. इस योजना में भी प्रतिवर्ष निवेश की अधिकतम सीमा ₹1,50,000 है. खाते को जारी रखने के लिए हर साल न्यूनतम ₹500 जमा करवाना ज़रूरी है, वरना निवेश नहीं करने वाले प्रत्येक वर्ष के लिए ₹50 रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ता है. केंद्र सरकार इस वक्त PPF खाते में निवेशित रकम पर 7.1 फ़ीसदी प्रतिवर्ष की दर से चक्रवृद्धि ब्याज़ अदा कर रही है. PPF खाता 15 साल में मैच्योर हो जाता है, परन्तु खाते को पांच-पांच साल के ब्लॉक के लिए कई बार एक्सटेंड करना संभव है, जिसकी कोई सीमा नहीं रखी गई है.

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