आयकर विभाग एक सीमा के बाद हाई-वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन यानी बड़ी मात्रा में होने वाली नकदी लेन-देन पर नजर रखता है. अगर आप अपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में इनका जिक्र नहीं करते हैं तो आपको आईटी विभाग से नोटिस भेजा जा सकता है. आईटी विभाग हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन को मॉनिटर करता है, जिसमें बैंक डिपॉजिट, म्युचुअल फंड निवेश, संपत्ति से जुड़े ट्रांजैक्शन और शेयर ट्रेडिंग शामिल हैं. अगर ट्रांजैक्शन अमाउंट निर्धारित सीमा से पार जाता है तो आपको इसकी जानकारी आईटीआर फाइल करते हुए देनी होगी. आईटी विभाग ने हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन की डिटेल निकलवाने के लिए कई सरकारी और वित्तीय संस्थाओं के साथ समझौता किया है.
टैक्सपेयर्स अपनी स्वेच्छा से सारे नियमों का पालन करें और नोटिस भेजे जाने से बचें, इसके लिए आईटी विभाग ई-कैंपेन चलाता है, जिसके तहत विभाग एक परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) से जुड़े हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन के नॉन-डिस्क्लोजर को लेकर ईमेल और एसएमएस भेजता है.
हम आपको यहां बता रहे हैं कि आपको कुछ ऐसे ही ट्रांजैक्शन के बारे में जिनकी जानकारी अगर आपने आईटीआर में नहीं दी तो आपको बैठे-बिठाए नोटिस मिल सकता है.
ये भी पढ़ें: 31 जुलाई तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करें, जानिए क्यों है यह जरूरी औऱ क्या है फायदा
सेविंग्स और करंट बैंक अकाउंट
सेविंग्स अकाउंट में अगर एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन होता हो तो इसकी जानकारी आईटी विभाग को देनी होगी. वहीं, करंट अकाउंट में यह सीमा 50 लाख तक जाती है.
बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट
बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के तहत 10 लाख रुपये से अधिक के कैश डिपॉजिट को दिखाना पड़ता है. वहीं, अगर किसी सिंगल या मल्टीपल एफडी में कुल ट्रांजैक्शन अमाउंट निर्धारित सीमा से पार जाता है तो बैंकों को फॉर्म 61A के जरिए इसपर एक स्टेटमेंट जारी करना होता है.
क्रेडिट कार्ड बिल
1 लाख ऊपर से ऊपर के बिल का क्रेडिट कार्ड से पेमेंट भी आईटी विभाग को दिखाना चाहिए. क्रेडिट कार्ड से किए गए हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन पर आपको नोटिस मिल सकता है. अगर आप क्रेडिट कार्ड पर एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख के ऊपर का बिल सेटलमेंट करवाते हैं तो इसे आईटीआर में डिस्क्लोज करना होगा.
अचल संपत्ति की बिक्री और खरीद
किसी भी अचल संपत्ति की 30 लाख से ऊपर की खरीद और बिक्री वाले ट्रांजैक्शन की जानकारी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार को टैक्स अथॉरिटी को देनी होगी.
ये भी पढ़ें: आज से बदल गए इनकम टैक्स से जुड़े 3 बड़े नियम; देख लें किनपर होगा असर
शेयर, म्युचुअल फंड, डिबेंचर्स और बॉन्ड्स
शेयर, म्युचुअल फंड, डिबेंचर्स और बॉन्ड्स में निवेश में एक वित्तीय वर्ष में कैश ट्रांजैक्शन की लिमिट 10 लाख से ऊपर नहीं जानी चाहिए. Annual Information Return (AIR) स्टेटमेंट में फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की डिटेल्स होती हैं और टैक्स अथॉरिटीज़ हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन को ऐसे ही ट्रेस करती हैं. आपके फॉर्म 26AS के E खंड में ऐसे ट्रांजैक्शन की डिटेल्स होती हैं.
विदेशी करेंसी की बिक्री
विदेशी करेंसी बेचकर एक साल में उसपर बनने वाले 10 लाख या उससे ज्यादा का अमाउंट भी इस अनिवार्यता के तहत आता है.
Video : कोरोना काल में बंपर मुनाफा कमाने वाली कंपनी माइक्रो लैब्स पर IT का छापा