Faceless Assessment : टैक्सपेयर्स के लिए ई-रिकॉर्ड वेरिफिकेशन हुआ आसान, अब ऐसे हो जाएगा काम

Income Tax Rules : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इनकम टैक्स पोर्टल पर करदाताओं के रजिस्टर्ड खाते से जमा किये गये इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड को करदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिये प्रमाणित माना जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Income Tax Rules : फेसलेस असेसमेंट नियमों के तहत ऑथेंटिकेशन नियम आसान हुए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

इनकम टैक्स विभाग की ओर से पिछले साल शुरू की गई Faceless Assessment Scheme यानी फेसलेस आकलन योजना के तहत जमा किये जाने वाले ई-रिकार्ड के ऑथेंटिकेशन रूल्स यानी सत्यापन नियमों को वित्त मंत्रालय ने आसान बना दिया है. इसे लेकर मंत्रालय की ओर से मंगलवार को एक बयान जारी कर जानकारी दी गई. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इनकम टैक्स पोर्टल पर करदाताओं के रजिस्टर्ड खाते से जमा किये गये इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड को करदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिये प्रमाणित माना जाएगा.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अधिकारी और करदाता के आमने-सामने आये बिना (फेसलेस) आकलन कार्यवाही में जमा किये गये रिकार्ड के सत्यापन को सरल बनाने को लेकर सोमवार को आयकर नियम में बदलाव किये हैं.

- - ये भी पढ़ें - -
* Income Tax Refund अलर्ट! जुर्माने का रिफंड चाहिए तो तुरंत भेजिए IT विभाग को 'ऑनलाइन' जवाब
* टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, टैक्स कंप्लायंस को लेकर बढ़ गईं कई डेडलाइन, चेक कर लें डिटेल्स

Advertisement

मंत्रालय ने कहा कि संशोधित नियम में यह प्रावधान किया गया है कि आयकर विभाग के पोर्टल पर करदाताओं के पंजीकृत खाते के माध्यम से जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को करदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के जरिये प्रमाणित माना जाएगा.

Advertisement

उसने कहा, ‘...इसलिए, जहां कोई व्यक्ति आयकर विभाग के पोर्टल पर अपने पंजीकृत खाते में लॉग इन करके इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जमा करता है, यह माना जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड ईवीसी द्वारा सत्यापित किया गया है....'

Advertisement

मंत्रालय ने कहा कि यह सरलीकृत प्रक्रिया कंपनियों या टैक्स ऑडिट मामलों के लिए भी उपलब्ध होगी और उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर के जरिये इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित करना अनिवार्य है. इस संबंध में विधायी संशोधन नियत समय पर लाए जाएंगे.

Advertisement

बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनकम टैक्स को लेकर नई फेसलेस असेसमेंट स्कीम की घोषणा की थी. इस नई योजना के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्सेशन के पूरे प्रोसेस में बड़ी राहत देने का लक्ष्य था. इसके तहत सरकार नो-ह्यूमन कॉन्टैक्ट को बढ़ावा दे रही है. इन सभी मामलों में करदाता को नहीं पता होगा कि उसके मामले का असेसमेंट कौन अधिकारी कर रहा है, और न ही उस अधिकारी के पास कोई जानकारी होगी कि वह किस व्यक्ति या संस्था का कक्ष असेसमेंट कर रहा है.  

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Loud & Clear Message To Pak, End Of Terror Groups Like Jem And Let
Topics mentioned in this article