होम लोन लेना चाहते हैं तो अभी मिलता रहेगा सस्ता कर्ज, रियल्टी कंपनियों ने कही ये बात

कई बड़ी रियल्टी कंपनियों का कहना है कि रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों को यथावत रखने के फैसले से आवास ऋण पर निम्न ब्याज दरें जारी रहेंगी और घरों की मांग में सुधार होगा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
RBI के रेपो रेट में बदलाव न करने से सस्ता मिलता रहेगा होम लोन. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

रियल एस्टेट कंपनियों का मानना है कि रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों को यथावत रखने के फैसले से आवास ऋण (Home Loan) पर निम्न ब्याज दरें जारी रहेंगी और घरों की मांग में सुधार होगा. रिजर्व बैंक के बुधवार के नीतिगत फैसले का स्वागत करते हुए क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, ‘रेपो और रिवर्स रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का रिजर्व बैंक का उदार रुख निश्चित रूप से एक प्रगतिशील और सतर्क कदम है, खासकर ऐसे समय में जब पूरा उद्योग नई ओमीक्रोन लहर के संभावित प्रभाव का आकलन कर रहा है.' उन्होंने कहा कि आवास ऋण पर निचली ब्याज दर व्यवस्था जारी रहने से घर खरीदारों में भरोसा पैदा होगा और इससे मौजूदा आर्थिक पुनरुद्धार में भी मदद मिलेगी.

नारेडको के वाइस चेयरमैन और हीरानंदानी ग्रुप के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को निचली ब्याज दरों से लाभ होगा. उन्होंने कहा, ‘घर खरीदार इस ऐतिहासिक निचली ब्याज दरों का सबसे अधिक लाभ उठाना चाहेंगे.' टाटा रियल्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय दत्त ने कहा कि ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के फैसले से आवास क्षेत्र के लिए दरें निचले स्तर पर बनी रहेंगी. इससे आवास बाजार को समर्थन मिलेगा.

पूर्वांकर फर्म के प्रबंध निदेशक आशीष आर पूर्वांकर ने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान विभिन्न संपत्ति वर्ग में अच्छी बिक्री देखी गई है. उन्होंने कहा, ‘रिजर्व बैंक के नरम रुख से घर खरीदने के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. वे सर्वकालिक निचली ब्याज दरों पर घर खरीदने के लिए कर्ज ले सकेंगे.' ओमैक्स लि. के प्रबंध निदेशक मोहित गोयल ने कहा कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से ब्याज दरों की दृष्टि से संवेदनशील कारोबार क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा.

Advertisement

ये भी पढ़ें  : होम लोन, पर्सनल लोन की EMI नहीं चुकाई तो बैड बैंक नहीं करेगा वसूली, अफवाहों से न हों परेशान

Advertisement

सीबीआरई के चेयरमैन और सीईओ (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैग्जीन ने कहा कि रिजर्व बैंक का यह रुख आवास ऋण लेने के इच्छुक ग्राहकों तथा भारतीय रियल एस्टेट बाजार की दृष्टि से काफी अच्छा है.
इंडिया सूथबी इंटरनेशनल रियल्टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमित गोयल ने कहा कि आवास ऋण पर सालाना ब्याज दर सात प्रतिशत पर बनी रहेगी.

Advertisement

गोयल ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आवास बाजार में मांग में और सुधार होगा. सभी की निगाहें अब आगामी बजट पर हैं. यदि सरकार बजट में आवास ऋण पर ‘कटौती' को बढ़ाती है तो यह रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने वाला कदम होगा.'

Advertisement

नारेडको-महाराष्ट्र के अध्यक्ष संदीप रनवाल ने कहा कि आवास ऋण पर निचली ब्याज दरें कम से कम इस साल के अंत तक जारी रहेंगी. इससे रियल एस्टेट उद्योग के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा.' प्रॉपर्टी पोर्टल हाउसिंग.कॉम, मकान.कॉम और प्रॉपटाइगर.कॉम के समूह सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि प्रमुख नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय उम्मीदों के अनुरूप है. उन्होंने कहा, ‘अगर पिछली कुछ तिमाहियों में घरों की बिक्री में लगातार सुधार हुआ है, तो इसकी मुख्य वजह कम ब्याज दर है.'

ये भी पढ़ें : LIC Home Loan : होम लोन का स्टेटमेंट चाहिए? कुछ ईज़ी स्टेप्स में करिए ऑनलाइन डाउनलोड

भारतीय अर्बन के सीईओ (आवासीय) अशविंदर आर सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम से निकट भविष्य में कम ब्याज दरों का दौर जारी रहेगा और इससे घरों की बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के केंद्रीय बैंक के फैसले से कुछ समय तक निचली ब्याज दरों के मामले में यथास्थिति कायम रखने में मदद मिलेगी.

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि कम ब्याज दर व्यवस्था ने पिछली छह तिमाहियों में रियल एस्टेट क्षेत्र को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कोलियर्स इंडिया के सीईओ रमेश नायर ने कहा कि रेपो दर में बदलाव नहीं होने से रियल एस्टेट क्षेत्र की धारणा में और सुधार होगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
S Jaishankar On POK: जयशंकर के POK वाले बयान से Pakistan में सनसनी | Khabron Ki Khabar | NDTV India
Topics mentioned in this article