जीएसटी नेटवर्क ने कहा है कि जिन करदाताओं ने जून 2021 तक दो महीने या जून 2021 तिमाही तक जीएसटी रिटर्न (GST Return Filing) दाखिल नहीं किये हैं, वे 15 अगस्त से ई-वे बिल जेनरेट नहीं कर पाएंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से अगस्त में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी, क्योंकि लंबित जीएसटी रिटर्न दाखिल होने की उम्मीद है. पिछले साल केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कोविड महामारी के दौरान अनुपालन राहत देते हुए रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ई-वे बिल सृजित करने पर रोक को निलंबित कर दिया था.
जीएसटीएन ने करदाताओं से कहा, ‘सरकार ने अब सभी करदाताओं के लिए ईडब्ल्यूबी पोर्टल पर ईवे बिल सृजित करने पर रोक को 15 अगस्त से फिर बहाल करने का फैसला किया है.' इस तरह 15 अगस्त 2021 के बाद सिस्टम दाखिल किए गए रिटर्न की जांच करेगा और जरूरी होने पर ईवे बिल सृजित करने पर रोक लगाएगा.
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एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जीएसटीएन ने जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले सभी लोगों पर दबाव बढ़ा दिया है और ई-वे बिल के सृजन पर रोक से कई व्यवसाय ठप हो जाएंगे. मोहन ने कहा कि इस स्वचालित दंडात्मक कार्रवाई से अगस्त में कर संग्रह बढ़ेगा.
नेक्सडाइम के कार्यकारी निदेशक (अप्रत्यक्ष कर) साकेत पटवारी ने कहा कि हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, कर प्रशासन व्यवसायों से जीएसटी अनुपालन को नियमित करने का आग्रह कर रहा है. उन्होंने कहा कि रिटर्न दाखिल करने के बाद ई-वे बिल जेनरेशन को दोबारा शुरू करना एक आसान प्रक्रिया है.