- मोदी सरकार जीएसटी में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जिसमें जीएसटी 2.0 के तहत दो ही स्लैब रहेंगे
- इंश्योरेंस पॉलिसी पर वर्तमान 18 प्रतिशत जीएसटी घटाकर 5 या 0 प्रतिशत करने की योजना है
- जीएसटी कम होने से हेल्थ और अन्य इंश्योरेंस पॉलिसी की पहुंच गरीब और मध्यवर्ग तक बढ़ेगी
मोदी सरकार ने जीएसटी में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है, जिसे जीएसटी 2.0 नाम दिया गया है. इस नए जीसएसटी में माना जा रहा है कि 2 ही स्लैब हो सकते हैं, जिससे 99% प्रोडक्ट्स इस बदलाव से सस्ते हो सकते हैं. इसमें एक प्रोडक्ट है इंश्योरेंस का. रिपोर्ट्स हैं कि सरकार इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी घटाने का प्लान कर रही है. इंश्योरेंस पर जीएसटी 5% या 0% हो सकता है. अभी फिलहाल इंश्योरेंस पर 18% जीएसटी लगता है.
मौजूदा समय में 18% की दर इंश्योरेंस की हर पॉलिसी पर लागू होती है, चाहे आप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें या कार इंश्योंरेंस. यानी जीएसटी कम होने से कई सेक्टर में आपको महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है. जीएसटी कम करने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां सरकार से बहुत समय से कह भी रही थीं. कंपनियों का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस लग्जरी प्रोडक्ट में नहीं आती, इसलिए इस पर इतना टैक्स लगाना ठीक नहीं है.
जीएसटी कम होने के फायदे
- पॉलिसी होल्डर ज्यादा से ज्यादा इंश्योरेंस कवर ले पाएंगे.
- गरीब, मिडिल क्लास की पहुंच में इंश्योरेंस पहुंच सकता है.
- डिमांड बढ़ने से इंश्योरेंस मार्केट का देश की जीडीपी में हिस्सा बढ़ जाएगा.
भारत में इंश्योरेंस मार्केट की स्थिति
भारत में इंश्योरेंस पेनिट्रेशन साल 2023 में जीडीपी का 4.2% था, वहीं दुनिया में ये पेनिट्रेशन 7% से 8% है.
भारत की लगभग 65% आबादी के पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है.
सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस लें, जिससे इमरजेंसी की स्थिति में आर्थिक बोझ ना पड़े. इसके अलावा इंश्योरेंस मार्केट दुनिया में तेजी से ग्रोथ करने वाले सेक्टरों में से एक है. वैश्विक स्तर की बात करें तो इसका मार्केट 130 बिलियन डॉलर है. अगले 5 सालों में ये 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
प्रीमियम कम होने से कितना पड़ेगा असर?
मान लीजिए, अभी आपकी किसी पॉलिसी का प्रीमियम 30 हजार रुपये. इस पर जीएसटी 18% लगने के बाद टोटल प्रीमियम 35,400 रुपये हो जाता है. वहीं अगर सरकार टैक्स दर को घटाकर 5% कर देती है तो टोटल प्रीमियम 31,500 हो जाएगा. आंकड़ों से साफ है कि प्रीमियम कम हो रहा है तो कवर का दायरा बढ़ेगा, जिससे आम आदमी की जेब पर इसका पॉजिटिव असर पड़ना तय है.