नए ITR फॉर्म में विदेशी खातों से आय भी बतानी होगी, इनकम टैक्स रिटर्न पहले से जान लें ये नियम

एक कर भुगतानकर्ता को एवाई 2022-23 के लिए आईटीआर फाइल करते समय 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच के बीच रखी गई सभी विदेशी संपत्तियों का विवरण देना आवश्यक है

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ITR Last Date : इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के नियमों के बारे में जरूर जानें
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने विदेशी बैंक खातों से होने वाली आय को लेकर बड़े बदलाव पिछले वित्तीय वर्ष में किए हैं.  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 1 अप्रैल 2022 को वित्त वर्ष 2021-22 (आकलन वर्ष (AY 2022-23) के लिए नए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म को अधिसूचित किया था. यह विदेशी रिटायरमेंट अकाउंट के संबंध में अतिरिक्त जानकारी दिए जाने से जुड़ा है. सभी आईटीआर फॉर्म (Income Tax Return) में नए कॉलम को शामिल किया गया है, जहां व्यक्तियों को विदेशी सेवानिवृत्ति खातों पर अर्जित आय, और ऐसी कोई भी आय की जानकारी देनी होती है, जिसे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 89 ए के तहत कर छूट के लिए दावा किया गया है.

पहले के आईटीआर फॉर्म के अनुसार, एक अप्रवासी को टैक्सेशन मामलों से जुड़ी कंपनी क्लियर टैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि विदेशी संपत्ति और देनदारियों की रिपोर्ट तभी करनी होती थी, जब वह इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) की अनुसूची एफए (विदेशी संपत्ति) के तहत प्रसंगिक लेखा अवधि या ऑडिटिंग अवधि के दौरान किसी भी समय भारत के बाहर उसके द्वारा रखा गया हो. हालांकि, अभी भी लेखांकन अवधि परिभाषित नहीं है.

अकाउंटिंग अवधि का कैलेंडर वर्ष भी बदला
नए आईटीआर फॉर्म ने इसमें एक बदलाव किया है. इसके तहत अकाउंटिंग अवधि को 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने वाले कैलेंडर वर्ष के साथ बदल दिया गया है. उदाहरण के लिए, एक कर भुगतानकर्ता को एवाई 2022-23 के लिए आईटीआर फाइल करते समय 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच के बीच रखी गई सभी विदेशी संपत्तियों का विवरण देना आवश्यक है.आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 89ए के तहत अधिसूचित देश में उक्त विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ खाता था या नहीं, इसके बारे में भी विवरण प्रदान किया जाना है. एक भुगतानकर्ता इस विशेष आय पर धारा 89 ए के तहत कर राहत का दावा भी कर सकता है.

1 अप्रैल 2022 से नए बदलाव

फाइनेंस एक्ट, 2021 ने आयकर अधिनियम में एक नई धारा 89ए को जोड़ा है. यह 1 अप्रैल, 2022 को लागू हुआ. इसे शुरू करने के पीछे विचार एक अधिसूचित देश में विदेशी सेवानिवृत्ति फंड से अर्जित भारतीय निवासियों की आय के कराधान में खामियों को दुरुस्त करना था. कुछ देश इस तरह के फंड से प्राप्ति/रसीद के आधार पर कर निकासी करते हैं, जबकि भारत में आय पर कर का भुगतान एक्यूरल बेसिस पर करना होता है.

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कराधान अवधि में अंतर की समस्या अब नहीं

कराधान अवधि में अंतर के कारण, एनआरआई करदाता को विदेशी अधिकार क्षेत्र में भुगतान किए गए करों के क्रेडिट का दावा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. अब, धारा 89ए के तहत, व्यक्ति को दूसरे अधिसूचित देशों में रखे गए सेवानिवृत्ति लाभ खातों से आय पर कर लगाने का विकल्प दिया जाता है, उस वर्ष में जब विदेशी राष्ट्र व्यक्ति की आय को निकासी या रिडीम कराने के समय कर के दायरे में रखेगा.

दोहरे कराधान से बचने का विकल्प
धारा 89ए उन भारतीय निवासियों पर लागू होती है जो किसी अधिसूचित देश में बनाए गए विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ खाते से आय अर्जित करते हैं. यह उन स्थितियों में दोहरे कराधान (Double Taxation) से बचने का विकल्प है जहां विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ खाते से प्राप्त आय निकासी या उसे भुनाने के समय अधिसूचित देश में कर का भुगतान करना होगा और साथ ही भारत में इस पर एक्यूरल बेसिस पर कर लगाया जाएगा.

CBDT ने नए नियम अधिसूचित किए थे
यह ध्यान देने की जरूरत है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार आईटीए की धारा 89ए के लिए अधिसूचित देशों में यूएस, यूके, कनाडा और उत्तरी आयरलैंड शामिल हैं. सीबीडीटी ने अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ खातों से आय से संबंधित धारा 89ए के तहत राहत का दावा करने के लिए नियम 21एएए और फॉर्म 10-ईई को भी अधिसूचित किया है.

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