कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 73वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर केंद्र ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 (Employee Enrollment Scheme) लॉन्च की है. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार डॉ मनसुख मांडविया ने शनिवार को इसकी घोषणा की. इस योजना का मकसद, उन कर्मचारियों को PF सिस्टम में जोड़ना है, जो अब तक किसी न किसी वजह से इसके दायरे से बाहर रह गए हैं. साथ ही कंपनियों या अन्य नियोक्ताओं को पात्र कर्मचारियों की स्वेच्छा से घोषणा और नामांकन के लिए प्रोत्साहित करना है.
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने इस स्कीम को लॉन्च करते हुए कहा कि EPFO ने देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ये केवल एक फंड नहीं, बल्कि भारतीय कर्मियों और श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा पर भरोसे का प्रतीक है.
कब से शुरू होगी योजना, किन्हें मिलेगा फायदा?
इस योजना के बारे में पिछले महीने ऐलान किया गया था और ये 1 नवंबर 2025 से लागू कर दी गई है. केंद्र का कहना है कि ये स्कीम पूरी तरह स्वैच्छिक है और कंपनियों को अपने कर्मचारियों को खुद ही इससे जोड़ना होगा.
इस स्कीम का फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच किसी कंपनी से जुड़े, लेकिन उन्हें PF स्कीम में शामिल नहीं किया जा सका. ये स्कीम उन कंपनियों या संस्थानों पर भी लागू होगी जिन पर EPF अधिनियम की धारा 7A, स्कीम की धारा 26B या पेंशन स्कीम की धारा 8 के तहत जांच चल रही हो. EPFO पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि जो कर्मचारी पहले कंपनी छोड़ चुके हैं, उनके मामले में कोई स्वतः कार्रवाई नहीं की जाएगी.
अगर किसी कर्मचारी की सैलरी में से PF नहीं काटा गया था, तो उसे माफ कर दिया जाएगा. कंपनियों को सिर्फ अपना अंशदान देना होगा और साथ में महज 100 रुपये का नाममात्र जुर्माना लगेगा. वहीं किसी कर्मचारी पर पुराने बकाया का बोझ नहीं पड़ेगा.
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ईपीएफओ को सेवा वितरण में निष्पक्षता, गति और संवेदनशीलता सुनिश्चित करके नागरिकों का विश्वास मजबूत करना जारी रखना चाहिए. उन्होंने विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ते हुए सामाजिक सुरक्षा में वैश्विक मानक स्थापिक करने का आह्वान किया.'
केंद्रीय मंत्री मांडविया ने एक्स पर लिखा, 'पीएम मोदी के नेतृत्व में ईपीएफओ ने देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है. सदस्यों की संतुष्टि ही ईपीएफओ की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.'
'पब्लिक केंद्रित संस्था है ईपीएफओ'
इस कार्यक्रम में मौजूद श्रम एवं रोजगार सचिव वंदना गुरनानी ने ईपीएफओ के एक अनुपालन-आधारित निकाय से एक नागरिक-केंद्रित संस्था के रूप में विकसित होने की सराहना की. उन्होंने कहा, 'हर फाइल के पीछे एक समर्पित कर्मचारी, एक परिवार और एक सपना छिपा होता है. प्रत्येक कर्मचारी के साथ पूर्ण सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा केवल व्यवस्थाओं से संबंधित नहीं है, बल्कि लोगों से भी जुडी़ है.'














