Vivad Se Vishwas Scheme 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2024 के आम बजट (Union Budget 2024) भाषण में ऐलान किया था कि इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए जल्द ही केंद्र सरकार एक योजना लेकर आएगी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने अब इसके लिए डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम (Direct Tax Vivad Se Vishwas Scheme) का आधिकारिक ऐलान कर दिया है. यह स्कीम टैक्सपेयर्स के पुराने इनकम टैक्स विवादों को समाप्त करने के लिए लाई गई हैं.
विवाद से विश्वास स्कीम 1 अक्टूबर 2024 यानी सोमवार से लागू हो गई है. सरकार ने यह स्कीम डायरेक्ट टैक्स विवाद से जुड़े पेंडिंग मामलों को तेजी से निपटाने के लिए शुरू की है.इस स्कीम का मकसद इनकम टैक्स के पुराने मामलों को तेजी से निपटाना है.
कौन उठा सकेगा स्कीम का फायदा?
विवाद से विश्वास स्कीम 2024 का फायदा हर वो व्यक्ति उठा सकता है, जिसका इनकम टैक्स के बकाया को लेकर मामला पेंडिंग है. हालांकि, वे लोग इस स्कीम का फायदा नहीं उठा सकते हैं, जिन पर विदेशों में अघोषित आय जैसे गंभीर इनकम टैक्स के मामले चल रहे हैं.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम को फाइनेंस नंबर 2 एक्ट (Finance No 2 Act, 2024) के तहत लागू किया है. इस दौरान योजना से जुड़े नियमों को भी लागू किया गया है. विवाद से विश्वास स्कीम के लिए 4 अलग-अलग फार्म दिए गए हैं.
Form-1
फॉर्म -1 में आप डिक्लेरेशन फाइल करेंगे और अंडरटेकिंग भी देंगे (Form for filing declaration and Undertaking by the declarant)
Form-2
फॉर्म -2 अथॉरिटी द्वारा जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट के लिए होगा (Form for Certificate to be issued by Designated Authority)
Form-3
फॉर्म -3 के तहत घोषणाकर्ता (Declarant) द्वारा पेमेंट की जानकारी दी जाएगी (Form for Intimation of payment by the declarant)
Form-4
फॉर्म 4 में अथॉरिटी द्वारा टैक्स एरियर के फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की जानकारी दी जाएगी (Order for Full and Final Settlement of tax arrears by Designated Authority)
लोअर सेटलमेंट अमाउंट का फायदा
CBDT की डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम की खास बात यह है कि इसमें नए अपीलकर्ता यानी अपीलेंट का सेटलमेंट अमाउंट पुराने अपीलकर्ता के मुकाबले कम होगा. इस स्कीम के तहत ऐसे टैक्सपेयर्स को भी लोअर सेटलमेंट अमाउंट का फायदा (Benefit of lower settlement amount) मिलेगा, जो 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले डिक्लेरेशन फाइल करेंगे.
निपटाए जाएंगे डायरेक्ट टैक्स से जुड़े मामले
डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम यह भी प्रावधान करती है कि हर विवाद के लिए फॉर्म 1 अलग से फाइल किया जाएगा. पेमेंट की जानकारी फॉर्म -3 में देनी होगी और अपील,आपत्ति,आवेदन,रिट याचिका,विशेष अनुमति याचिका या क्लेम को वापस लेने के प्रमाण के साथ नामित प्राधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी. फॉर्म 1 और फॉर्म 3 घोषणाकर्ता द्वारा ऑनलाइन पेश किए जायेंगे. ये फार्म इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल यानी www.incometax.gov.in पर उपलब्ध कराए जायेंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अलग-अलग कानूनी प्लेटफॉर्म पर करीब 2.7 करोड़ टैक्स के विवादित मामले पेंडिंग हैं. इन मामलों से जुड़े टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू करीब 35 लाख करोड़ रुपये है.
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