दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) से निपटने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. हर सर्दियों में खड़ी होने वाली इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. दिल्ली सरकार ने इस दिशा में कई बदलाव लागू किए हैं. इसके लिए मेट्रो और बसों में खड़े होकर यात्रा करने से लेकर बसों की संख्या बढ़ाने तक कई नए नियम लागू किए जा रहे हैं. सोमवार से ही दिल्ली सरकार द्वारा निजी ऑपरेटरों से किराए पर ली गईं करीब 550 बसें 'पर्यावरण सेवा' के तहत महानगर की सड़कों पर चलने लगेंगी. इसका मकसद राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक वायु गुणवत्ता के मद्देनजर निजी वाहनों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने में लोगों की मदद करना है. दिल्ली सरकार ने हाल में निजी ऑपरेटरों से 1,000 सीएनजी बसें किराए पर लेने का फैसला किया है.
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'अब तक, 750 से अधिक बसों को पंजीकृत किया गया है, जिनमें से लगभग 550 को पर्यावरण सेवा के तहत सोमवार से सड़कों पर उतारा जाएगा. ये बसें सार्वजनिक परिवहन में वृद्धि करेंगी.' अधिकारियों ने कहा कि निजी ऑपरेटरों से किराए पर ली गई बसें अपने वाहनों का उपयोग करने वाले लोगों को सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
ये भी पढ़ें : स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 - नई दिल्ली छोटे शहरों के बीच अव्वल स्थान पाया, नोएडा बना गार्बेज फ्री सिटी
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शहर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए शनिवार को बसों और मेट्रो में यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति दी थी. पिछले महीने बसों और मेट्रो सेवाओं को पूरी क्षमता के साथ चलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भीड़ न लगे, इसलिये यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई थी.
उठाए गए हैं कई और कदम
दिल्ली में ट्रकों (जरूरी सामान वाले ट्रक को छोड़कर) की एंट्री 26 नवंबर तक प्रतिबंधित की गई है. दिल्ली सरकार के सभी दफ्तर और कॉरपोरेशन ( जरूरी दफ्तर छोड़कर) 26 नवंबर तक बंद रहेंगे. इस दौरान अधिकारी और कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे. प्राइवेट दफ्तरों और प्रतिष्ठानों को सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों को 26 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम करवाएं ताकि सड़क पर वाहनों की आवाजाही कम से कम हो.
Video : दिल्ली में वायु प्रदूषण, दिन भर खुले में काम करने वालों की सेहत पर बुरा असर