Loan लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, EMI भरने के बावजूद नहीं बिगड़ेगा आपका बजट

Loan & Credit Card EMI Option: बैंक से कर्ज या लोन लेने से पहले यह कैलकुलेशन करना जरूरी है कि आप अपनी आमदनी का कितना हिस्सा लंबे समय तक हर महीने EMI के तौर पर चुका कर सकते हैं.

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Loan & Credit Card EMI Option: आपके लोन की  EMI इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए कि आपको दूसरी जरूरतें पूरी करने में दिक्कत हो.
नई दिल्ली:

Loan & Credit Card EMI Option: आजकल महंगाई के इस दौर में बैंक लोन (Bank Loan) के सहारे घर, कार या कोई और महंगी चीज खरीदने का चलन बढ़ गया है. अगर आपकी कमाई अच्छी है और आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर है तो बैंक या लोन देने वाली अन्य वित्तीय संस्थान आपको आसानी से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) या कोई दूसरी तरह की लोन देने को लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं. जिसके बाद आपको इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट यानी ईएमआई (EMI) के जरिये लोन चुकाना पड़ता है. आपको EMI के जरिए लोन चुकाना पहली नजर में भले ही काफी आसान लगता है, लेकिन किसी भी बड़े अमाउंट के लोन को हर महीने एक समान किस्त (EMI) के आधार पर चुकाने में आपको कई साल लग जाते हैं. इस दौरान लोन पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट (Loan Interest Rate) भी काफी अधिक हो जाता है. जिसे आपको अपने लोन अमाउंट के साथ ही बैंक को चुकाना पड़ता है.

ऐसे में बैंक से कर्ज या लोन लेने से पहले यह कैलकुलेशन करना जरूरी है कि आप अपनी आमदनी का कितना हिस्सा लंबे समय तक हर महीने EMI के तौर पर चुका कर सकते हैं. इस बात पर ध्यान दें कि आपके लोन की EMI इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए कि आपको अपनी दूसरी आर्थिक जरूरतें पूरी करने में दिक्कत होने लगे. यहां हम ऐसी कुछ जरूरी बातें आपको बताने जा रहे हैं जिसे लोन लेने से पहले आपको ध्यान में रखनी चाहिए.

अपना मंथली बजट जरूर कर लें तैयार

सबसे पहले ये जान लें कि आपकी आमदनी के अनुसार आपको कितना लोन लेना चाहिए. इसका अनुमान लगाने के लिए सबसे पहले अपने खर्चों का लेखा-जोखा तैयार करें. इसमें मकान किराया, राशन, बिजली-मोबाइल-रसोई गैस जैसे यूटिलिटी बिल, बच्चों की स्कूल फीस, मेडिकल ट्रीटमेंट समेत तमाम खर्चों को मिलाकर अपना मंथली बजट (Monthly Budget) तैयार कर लें. अब अगर इन तमाम खर्चों की लिस्ट आपके सामने होगी तो आपके लिए यह अनुमान लगाना आसान हो जाएगा कि आप लोन की कितनी EMI बिना परेशानी के भर सकते हैं.

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क्रेडिट कार्ड के जरिये खर्च करके EMI भरने से बचें

यह बात हमेशा याद रखें कि लोन हमेशा उतना ही लें, जितना आसानी से चुकाया जा सके. इतना ही नहीं, क्रेडिट कार्ड से बड़ी रकम खर्च करके EMI के जरिए पेमेंट करने से हमेशा बचें, क्योंकि क्रेडिट कार्ड की ऊंची ब्याज दरों (Credit Card Interest Rate) के कारण ऐसा करना अक्सर घाटे का सौदा साबित होता है.

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 डेट-टू-इनकम (DTI) रेशियो कर देगा आपका काम आसान

आप डेट-टू-इनकम (DTI) रेशियो कैलकुलेट करके भी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपकी आमदनी का कितना हिस्सा EMI में जाना चाहिए. DTI से पता चलता है आय का कितने प्रतिशत हिस्सा लोन की अदायगी पर खर्च होता है. DTI कैलकुलेट करने के लिए, आपको सभी EMI को जोड़ने के बाद यह देखना होगा कि यह रकम आपकी कुल मासिक आमदनी के कितने प्रतिशत के बराबर है. एक सामान्य नियम यह है कि आपका डेट-टू-इनकम रेशियो 35-40% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

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आप एक आसान उदाहरण के साथ समझें कि अगर आपकी मंथली इनकम 50,000 रुपये है, तो EMI सहित आपका कुल लोन पेमेंट (Loan Payment) अधिकतम 17,500 से 20,000 रुपये के बीच होना चाहिए. लेकिन ध्यान रहे कि यह महज एक सामान्य नियम है. आप अपने आर्थिक स्थिति के हिसाब से इसमें बदलाव कर सकते हैं. यदि अगर आपकी मंथली इनकम (Monthly Income) अधिक है, तो आप अपनी इनकम का ज्यादा बड़ा हिस्सा EMI के रूप में चुका सकते हैं. वहीं, अगर आपकी मंथली इनकम कम है, तो आपको अपने DTI को और कम रखने की कोशिश करनी चाहिए.

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(इनपुट- BQ PRIME )

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