इलाज के बाद मेडिकल खर्चों के दावों का 100% कैशलेस सेटलमेंट बहुत जल्द लागू किया जा सकता है. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने कहा है कि वो इस दिशा में हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स के साथ बातचीत कर रहा है. साथ ही बुजुर्गों के लिए भी रेगुलेटर काम कर रहा है, ताकि उन्हें सस्ती दरों पर हेल्थ इंश्योरेंस मिल सके, फिलहाल बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस काफी महंगा है.
दरअसल मौजूदा वक्त में, कैशेलस क्लेम एक थका देने वाली और लंबी प्रक्रिया है. बीमा कंपनियां भी अपने हिसाब से कुछ जोड़ घटाकर सारा पैसा नहीं देती हैं, बल्कि कुल बिल में से 10% या इससे ज्यादा काटकर देती है. दूसरी मुश्किल ये है कि ज्यादातर अस्पताल किसी न किसी बहाने का हवाला देकर कैशलेस मरीजों की भर्ती नहीं करते, भले ही बीमा प्रोडक्ट ऐसी सुविधा देता हो.
बीमाकर्ताओं के साथ बातचीत जारी
मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने कहा कि रेगुलेटर स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority ) और इंश्योरेंस काउंसिल के साथ 100% कैशलेस क्लेम सेटलमेंट की योजना को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में काम कर रहा है. हालांकि ये कब से लागू हो जाएगा, इसे लेकर उन्होंने कोई तय वक्त नहीं बताया है.
बुजुर्गों के लिए किफायती होगी पॉलिसी
पांडा ने कहा कि रेगुलेटर बुजुर्गों के लिए भी काम कर रहा है, जिससे उनको बेहतर और किफायती कीमत पर स्वास्थ्य बीमा मिल सके, इसके लिए बीमाकर्ताओं के साथ बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि ये गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि मौजूदा मूल्य निर्धारण मेडिक्लेम पॉलिसियों को ज्यादातर बुजुर्गों की पहुंच से बाहर कर देता है.
2047 तक 'सभी के लिए बीमा' अभियान पर, जब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा, पांडा ने कहा, 'हमें अंतिम तारीख से बहुत पहले लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करना चाहिए.'