India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार मार्च 23, 2018 12:05 AM IST भगत सिंह ने खत में लिखा, ‘साथियों स्वाभाविक है जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए. मैं इसे छिपाना नहीं चाहता हूं, लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूं कि कैंद होकर या पाबंद होकर न रहूं.