Faith | Edited by: श्यामनंदन |शुक्रवार फ़रवरी 24, 2017 04:20 PM IST हिन्दू धर्मशास्त्रों में शिवरात्रि को सबसे उत्तम व्रत कहा है. अनेक वर्णनों में इसे व्रतराज भी कहा गया है और इसकी महत्ता के बारे में लिखा गया है कि यह चारों पुरुषार्थ यानी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला महाव्रत है. शास्त्रों में यह भी लिखित है कि शिवरात्रि हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती हैं, लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि ही महाशिवरात्रि है, जब शिव का शक्ति से मिलन हुआ था और ब्रहमाण्ड की उत्पात्ति का श्रीगणेश हुआ था. शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत की कथा को श्रद्धापूर्वक कहने, सुनने और पढ़ने से भी भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं. यहां प्रस्तुत है, महाशिवरात्रि की सबसे विश्वसनीय और प्रामाणिक कथा...