'Unemloyment'

- 5 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Written by: नीता शर्मा, Edited by: विजय शंकर पांडेय |गुरुवार जुलाई 27, 2023 09:11 AM IST
    जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ नौकरशाह बताते हैं, ''जेके में बेरोजगारी संकट मुख्य रूप से कर्मचारियों की छंटनी, सरकारी विभागों के विलय और सुस्त भर्ती प्रक्रिया के कारण है.''
  • Bihar | Reported by: मनीष कुमार, Edited by: सूर्यकांत पाठक |रविवार जून 12, 2022 09:15 PM IST
    यह मान लेना ही सही है कि पलायन (Migration) बिहार (Bihar) के लोगों की नियति बन चुका है. जनसंख्या के हिसाब से यहां न तो उद्योग-धंधे हैं और न ही दूसरा कोई रोजगार. यहां के मजदूर (Laborers) दूसरे प्रदेशों को समृद्ध बनाने में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं, लेकिन कई पीढ़ियों से उनका खुद का जीवन सुख-समृद्धि से कोसों दूर है. खासकर कोसी नदी के तट पर बसा सहरसा मजदूरों के पलायन का केंद्र बनकर रह गया है. यहां सहरसा के अलावा मधेपुरा, सुपौल, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया और किशनगंज तक के मजदूर दिल्ली और पंजाब जाने के लिए ट्रेन (Trains) पकड़ने आते हैं.
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: नवीन कुमार |सोमवार दिसम्बर 21, 2020 04:37 PM IST
    राज्य में कई बेरोजगार युवाओं का कहना है कि कई सालों से एम पीएससी, 6 वर्षों से आदिम जाति कल्याण विभाग, 12 सालों से कमर्शियल टेस्ट खाद बीज निगम में, 11 वर्षों से खेल विभाग में, 9 साल से कृषि विभाग में, कृषि कल्याण पंचायत एवं ग्रामीण विभाग में 8 वर्षों से आयुष विभाग में 7 साल से ऑडिट व डेरी फूड मैं 5 साल से कोई भर्ती नहीं हुई है. 
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार जून 5, 2020 08:07 PM IST
    लॉकडाउन में ठप पड़ी अर्थव्यवस्था के चलते पश्चिमी यूपी में भी बेरोजगारों की तादात बढ़ी है. लॉकडाउन के चलते लाखों रुपये खर्च करके  BBA से लेकर MA BEd की डिग्री लेने वाले युवा भी मनरेगा में काम करने पर मजबूर हैं. बुलंदशहर के जुनेदपुर गांव में मनरेगा का काम इन दिनों जोरों पर चल रहा है. ये काम अकुशल श्रमिकों का है लेकिन लॉकडाउन के बाद सतेंद्र कुमार, सुरजीत और रोशन कुमार जैसे डिग्री धारक भी नौकरी की जगह मजदूरी कर रहे हैं.
  • Economy | Reported by: भाषा |गुरुवार नवम्बर 28, 2019 03:13 PM IST
    भारत की इस्पात क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने पिछले सप्ताह ही व्यापक बदलाव के अपने कार्यक्रम के तहत रोजगार में कटौती की घोषणा की है. कंपनी ने इसकी वजह वैश्विक मोर्चे पर इस्पात उद्योग के समक्ष लगातार जारी चुनौतियों के चलते उसे हो रहे नुकसान को बताया है.
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