Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अप्रैल 5, 2022 12:23 AM IST पड़ोसी का घर जल रहा है. इसका मतलब यह नहीं कि अपने घर में आग लगाकर हम तापना शुरू कर दें. इसका मतलब है कि हम थोड़ा और सतर्क हो जाएं कि उस तरह की आग कहीं हमारे घर तक न आ जाए. जब तक सरकारें सुधार के नाम पर सब कुछ बेच रही होती हैं तब तक जनता का ध्यान उधर नहीं जाता लेकिन जब उसके नतीजे में जनता का घर जला तो वही जनता तो राजपक्षे के समर्थन में नारे लगाती है, उन पर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ नारे लगा रही है कि देश को मत बेचो. लेकिन जो बिकना था वो तो बिक चुका है.