Blogs | डॉ विजय अग्रवाल |शुक्रवार अप्रैल 7, 2017 12:37 PM IST जो संसद अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयकों को निर्धारित समय से भी कम समय में पारित कर देती है, उसी संसद की लोकसभा ने मानसिक स्वास्थ्य बिल के लिए निर्धारित दो घंटे के बदले सात घंटे लिए. ज़ाहिर है, देश मानसिक स्वास्थ्य के प्रति काफी चिंतित जान पड़ रहा है.