Blogs | Dr Vijay Agrawal |गुरुवार फ़रवरी 4, 2016 04:51 PM IST यह एक बहुत ही व्यावहारिक सवाल है कि 'मुझसे जिस काम के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है, वह काम होना ही चाहिए। यदि काम नहीं, तो दाम भी नहीं।' नगर निगम, नगर पालिकायें सम्पत्ति कर लेती हैं, लेकिन कचरों के ढेरों का साम्राज्य फैला हुआ मिलता है।