Blogs | कमाल खान |बुधवार सितम्बर 27, 2017 07:01 PM IST बीएचयू के गेट पर लड़कियों का हुजूम था... 18..19...20...22 साल की लड़कियां... जो कुछ जलते हुए सवालों के साथ जलती हुई सड़क पर बैठी थीं, कुछ गोल घेरे में खड़ी थीं. सबकी मुट्ठियाँ भिंची थीं और हवा में नारे लहरा रहे थे, "लड़ेंगे-लड़ेंगे..जीतेंगे-जीतेंगे." चेहरे पर ग़म और ग़ुस्सा था... जिस लड़के ने कैंपस में एक लड़की के कपड़े में हाथ डाल के बेइज़्ज़त किया उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. वीसी ने लड़कियों से मिलने से इंकार कर दिया था. हमारे साथ खड़े वीसी के एक समर्थक ने हिक़ारत से उनकी तरफ देख के कहा, "माई घूंघट निकालेली, लईकी जांघिया पहन के नारा लगावेली'. यानी इनकी मां तो घूंघट निकालती होंगी, लेकिन लड़की शॉर्ट्स पहन के नारे लगा रही है."