Blogs | Ratan Mani Lal |मंगलवार अप्रैल 19, 2016 06:14 PM IST अगर एक कट्टर हिन्दुत्व की छवि वाले नेता को केवल इस बात के लिए सपा में लिया जाता है कि उनकी अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अनबन हुई है, तो इसमें सपा को चुनावी लाभ मिलने पर एक बड़ा सवाल उठता है।