India | Written by: माया शर्मा, Translated by: विवेक रस्तोगी |रविवार जून 25, 2017 08:06 AM IST चांदना चंद्रशेखर उस समय दृष्टि पूरी तरह गंवा बैठी थी, जब वह सातवीं कक्षा में पढ़ती थी - और उससे पहले भी उसकी मां उसके पढ़ने के लिए बड़े-बड़े अक्षरों में नोट्स बना दिया करती थी... स्नातक की डिग्री पाने के लिए चांदना ने ब्रेल लिपि में तब्दील की गई किताबों से पढ़ाई की... उसे अंकों और संख्याओं से प्यार है... वह स्नातक होने के बाद से एकाउंट्स के क्षेत्र में ही काम कर रही है...