Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah छोड़ सकती हैं दयाबेन!
नई दिल्ली:
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की एक्ट्रेस दिशा वकाणी (39) से जुड़ी एक खबर आ रही हैं कि वह शो छोड़ सकती हैं. दयाबेन का किरदार निभाकर दिशा देशभर में पॉपुलर हुईं. दया की हंसी, बोलने का ढंग और उनकी बेबाकी ऐसी बातें हैं, जिसने दया को खासी पॉपुलैरिटी दिलाई है. यह सीरियल 2008 से टेलीविजन पर आ रहा है और अब तक इसके 2400 से ज्यादा एपिसोड टेलिकास्ट हो चुके हैं. पिछले कुछ महीनों से शो में दिशा नजर नहीं आ रही हैं. पहले प्रेंग्नसी और फिर बेटी की परवरिश में बिजी होने की वजह से वह शो से दूर हैं. एक नजर डालते हैं दिशा की लाइफ से जुड़ी 7 खास बातों पर...
क्या 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' को अलविदा कहने जा रहीं दयाबेन? जानें सच
1. बचपन से रंगमंच से जुड़ाव
दिशा का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता भीम वकाणी रंगमंच पर अपने जौहर दिखाते तो बेटी अपने पिता के रंगमंचीय कौशल पर करीब से नजर रखती. बड़े होते होते एक बात उसके जेहन में रच-बस गई थी कि उनके पिता अपने नाटकों की हीरोइनों से परेशान रहते हैं. क्योंकि उस दौर में गुजराती लड़कियों का थिएटर में आने का चलन था नहीं, ऐसे में लड़कों को लड़कियां बनाना पड़ता था. तभी दिशा ने सोच लिया था कि वह अपने पिता के नाटकों की हीरोइन बनेगी. और हुआ भी कुछ ऐसा ही. उन्होंने ड्रामेटिक्स में पढ़ाई की और न सिर्फ अपने पिता के साथ रंगमंच पर जुगलबंदी की बल्कि छोटे परदे का बड़ा नाम बन गईं.
2. फिल्मों में निभाए छोटे किरदार
दिशा का जन्म और पालन-पोषण अहमदाबाद में हुआ था तो उन्हें गुजराती मध्यवर्गीय महिलाओं वाले संस्कार तो पहले से ही पता था. घर में रंगमंच का माहौल मिला तो उन्होंने अपने पिता और भाई के साथ कई नाटकों के मंचन में भी हिस्सा लिया. पिता थिएटर से जुड़े थे तो भाई डायरेक्टर थे. उनका संघर्ष 1997 से शुरू हुआ और वे सबसे पहले 'कमसिन : द अनटच्ड (1997)' फिल्म में नजर आईं. उसके बाद उन्होंने 'फूल और आग (1999)', 'देवदास (2002)', 'मंगल पांडे: द राइजिंग (2005)' और 'जोधा अकबर (2008)' में भी छोटे मोटे रोल किए. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था.
चोरी करते धरे गए जेठालाल और उनके दोस्त, लगे संगीन आरोप
3. ऐसे मिली 'तारक मेहता' में एंट्री
एक दिन उनकी एक सहेली ने उन्हें बताया कि नीला फिल्म्स 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के लिए ऑडिशन ले रही है. दिशा तुरंत वहां पहुंच गई और ऑडिशन दे आई. हालांकि, चीजें इतनी आसान नहीं थीं. सीरियल के प्रोड्यूसर असित मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था, "कई लोगों ने ऑडिशन दिया. लेकिन दिशा का ऑडिशन देख मुझे लगा वे किरदार कर पाएंगी. खास बात यह कि जब दिशा ने दयाबेन की आवाज निकाली और वह हंसी तो उसी समय में पूरी तरह इम्प्रेस हो गया था." असित उनकी हंसने और बोलने के अंदाज से प्रभावित हो गए थे और इसका श्रेय वे स्टेज पर मिमिक्री करने को देती हैं.
4. जब जेठालाल की नाक पर पड़ा बेलन
आपको जानकर हैरानी होगी कि दिशा को सेट पर बहुत ही खतरनाक कलाकार माना जाता है क्योंकि जब भी वे कुछ एक्शन करने जाती हैं तो कुछ न कुछ भयंकर घटते-घटते रह जाता है. जैसे एक मौके पर वे अपनी बालकनी की छत पर खड़ी होती हैं और जेठा लाल नीचे खड़े होते हैं. उन्हें एक्शन बोलने पर बेलन फेंक कर मारना होता है. जैसे ही एक्शन बोला गया बेलन दिलीप जोशी की नाक को छूता हुआ निकल गया और वे बाल बाल बच गए. इसके बाद से उन्हें एक्शन सीन कम ही दिए गए.
Photos: दयाबेन की हुई गोदभराई, फंक्शन में पहुंचे तारक 'मेहता' के टप्पू
5. संजीदा और सादगी से भरा जीवन
असल में परदे पर जितनी हंसमुख या लोगों से तुरंत घुलने-मिलने वाली दया नजर आती है, असल जिदंगी की दिशा उससे एकदम अलग है. वे बहुत ही संजीदगी से बात करती हैं. जिनमें एक सादगी होती है और हंसी का पुट तो बिल्कुल नहीं. पिछले 10 साल में मिली कामयाबी को दया ने सिर पर चढ़ने नहीं दिया है, और वह इतना ही कहती है कि इंसान चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए लेकिन उसकी भूख तो दाल-रोटी से ही मिटती है.
6. हेल्दी भोजन और योग
अकसर जेठालाल के लिए तरह-तरह के गुजराती पकवान बनाने वाली दया अपनी असल जिंदगी में हेल्दी फूड खाना ही पसंद करती हैं. यही वजह भी है कि पिछले 10 साल में उनके लुक में रत्ती भर भी बदलाव नहीं आया है. वे योग करने में विश्वास रखती हैं और फल और मेवे बहुत खाती हैं. किताबें पढ़ना उनकी हॉबी है तो फुरसत मिलने पर फिल्में भी देखती हैं. यही नहीं, अगर मन किया तो वे गुनगुना भी लेती हैं.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की दयाबेन यानी दिशा वकानी ने रचाई शादी
बता दें कि दिशा ने साल 2015 में मुंबई के चार्टेड अकाउंटेंट मयूर पाडिया से शादी की थी और पिछले साल नवंबर में उनकी बेटी का जन्म हुआ.
VIDEO : रानी मुखर्जी से खास बातचीत ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
क्या 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' को अलविदा कहने जा रहीं दयाबेन? जानें सच
1. बचपन से रंगमंच से जुड़ाव
दिशा का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता भीम वकाणी रंगमंच पर अपने जौहर दिखाते तो बेटी अपने पिता के रंगमंचीय कौशल पर करीब से नजर रखती. बड़े होते होते एक बात उसके जेहन में रच-बस गई थी कि उनके पिता अपने नाटकों की हीरोइनों से परेशान रहते हैं. क्योंकि उस दौर में गुजराती लड़कियों का थिएटर में आने का चलन था नहीं, ऐसे में लड़कों को लड़कियां बनाना पड़ता था. तभी दिशा ने सोच लिया था कि वह अपने पिता के नाटकों की हीरोइन बनेगी. और हुआ भी कुछ ऐसा ही. उन्होंने ड्रामेटिक्स में पढ़ाई की और न सिर्फ अपने पिता के साथ रंगमंच पर जुगलबंदी की बल्कि छोटे परदे का बड़ा नाम बन गईं.
2. फिल्मों में निभाए छोटे किरदार
दिशा का जन्म और पालन-पोषण अहमदाबाद में हुआ था तो उन्हें गुजराती मध्यवर्गीय महिलाओं वाले संस्कार तो पहले से ही पता था. घर में रंगमंच का माहौल मिला तो उन्होंने अपने पिता और भाई के साथ कई नाटकों के मंचन में भी हिस्सा लिया. पिता थिएटर से जुड़े थे तो भाई डायरेक्टर थे. उनका संघर्ष 1997 से शुरू हुआ और वे सबसे पहले 'कमसिन : द अनटच्ड (1997)' फिल्म में नजर आईं. उसके बाद उन्होंने 'फूल और आग (1999)', 'देवदास (2002)', 'मंगल पांडे: द राइजिंग (2005)' और 'जोधा अकबर (2008)' में भी छोटे मोटे रोल किए. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था.
चोरी करते धरे गए जेठालाल और उनके दोस्त, लगे संगीन आरोप
3. ऐसे मिली 'तारक मेहता' में एंट्री
एक दिन उनकी एक सहेली ने उन्हें बताया कि नीला फिल्म्स 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के लिए ऑडिशन ले रही है. दिशा तुरंत वहां पहुंच गई और ऑडिशन दे आई. हालांकि, चीजें इतनी आसान नहीं थीं. सीरियल के प्रोड्यूसर असित मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था, "कई लोगों ने ऑडिशन दिया. लेकिन दिशा का ऑडिशन देख मुझे लगा वे किरदार कर पाएंगी. खास बात यह कि जब दिशा ने दयाबेन की आवाज निकाली और वह हंसी तो उसी समय में पूरी तरह इम्प्रेस हो गया था." असित उनकी हंसने और बोलने के अंदाज से प्रभावित हो गए थे और इसका श्रेय वे स्टेज पर मिमिक्री करने को देती हैं.
4. जब जेठालाल की नाक पर पड़ा बेलन
आपको जानकर हैरानी होगी कि दिशा को सेट पर बहुत ही खतरनाक कलाकार माना जाता है क्योंकि जब भी वे कुछ एक्शन करने जाती हैं तो कुछ न कुछ भयंकर घटते-घटते रह जाता है. जैसे एक मौके पर वे अपनी बालकनी की छत पर खड़ी होती हैं और जेठा लाल नीचे खड़े होते हैं. उन्हें एक्शन बोलने पर बेलन फेंक कर मारना होता है. जैसे ही एक्शन बोला गया बेलन दिलीप जोशी की नाक को छूता हुआ निकल गया और वे बाल बाल बच गए. इसके बाद से उन्हें एक्शन सीन कम ही दिए गए.
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5. संजीदा और सादगी से भरा जीवन
असल में परदे पर जितनी हंसमुख या लोगों से तुरंत घुलने-मिलने वाली दया नजर आती है, असल जिदंगी की दिशा उससे एकदम अलग है. वे बहुत ही संजीदगी से बात करती हैं. जिनमें एक सादगी होती है और हंसी का पुट तो बिल्कुल नहीं. पिछले 10 साल में मिली कामयाबी को दया ने सिर पर चढ़ने नहीं दिया है, और वह इतना ही कहती है कि इंसान चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए लेकिन उसकी भूख तो दाल-रोटी से ही मिटती है.
6. हेल्दी भोजन और योग
अकसर जेठालाल के लिए तरह-तरह के गुजराती पकवान बनाने वाली दया अपनी असल जिंदगी में हेल्दी फूड खाना ही पसंद करती हैं. यही वजह भी है कि पिछले 10 साल में उनके लुक में रत्ती भर भी बदलाव नहीं आया है. वे योग करने में विश्वास रखती हैं और फल और मेवे बहुत खाती हैं. किताबें पढ़ना उनकी हॉबी है तो फुरसत मिलने पर फिल्में भी देखती हैं. यही नहीं, अगर मन किया तो वे गुनगुना भी लेती हैं.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की दयाबेन यानी दिशा वकानी ने रचाई शादी
बता दें कि दिशा ने साल 2015 में मुंबई के चार्टेड अकाउंटेंट मयूर पाडिया से शादी की थी और पिछले साल नवंबर में उनकी बेटी का जन्म हुआ.
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