तेलंगाना बस-ट्रक हादसे में उजड़ गया एक पिता का सपना, 3 बेटियों की एक साथ मौत...दर्दनाक कहानी

बजरी से लदे ट्रक से हुई यह आमने-सामने की टक्कर, इतनी भयंकर थी कि इसने बुरी तरह कुचलते और घसीटते हुए दर्दनाक ढंग से उन्नीस लोगों की जान ले ली.

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  • हैदराबाद-बिजापुर हाईवे पर हुए हादसे में 19 लोगों की मौत हुई और कई परिवार उजड़ गए
  • येलैया गौड़ ने इस दुर्घटना में अपनी तीन बेटियों तनुषा, साई प्रिया और नंदिनी को खो दिया
  • हादसा तब हुआ जब तेलंगाना सड़क परिवहन निगम की बस चेवेल्ला के पास ट्रक से टकराई थी
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हैदराबाद:

सोमवार सुबह हैदराबाद-बिजापुर हाईवे पर हुआ एक भयावह हादसा न सिर्फ 19 जिंदगियों को लील गया, बल्कि कई और परिवारों को हमेशा के लिए जिंदगी भर का ऐसा जख्म दे दिया जो शायद ही कभी भर सकें. दरअसल यह महज कोई एक सड़क दुर्घटना नहीं है बल्कि उन सपनों का अंत था जो कॉलेज की किताबों, परिवार की खुशियों और सुनहरे भविष्य की उम्मीदों से भरे हुए थे. इस हादसे में सबसे मार्मिक कहानी है येलैया गौड़ की, जो एक ड्राइवर हैं. इस दर्दनाक हादसे में उन्होंने एक ही दिन में अपनी 3 बेटियों को खो दिया. उनकी तीन बेटियों के नाम तनुषा, साई प्रिया और नंदिनी थे.

हादसे में तीन बहनों की एक साथ मौत

हादसे में जान गंवाने वाली तीनों बहन हैदराबाद में पढ़ाई कर रही थीं और एक शादी में शामिल होने के लिए तांडूर आई थीं. परिवार ने हाल ही में बड़ी बेटी अनुषा की शादी का जश्न मनाया था, और अब एक और शादी के लिए बेटियां घर आई थीं. येलैया ने बताया, "मैंने उन्हें आने के लिए मना भी किया था लेकिन उनकी मां ने उन्हें यहां पर बुला लिया. इसके बाद वो रात में वापस लौटना चाहती थीं, हमने कहा सोमवार सुबह निकलो. जब उन्हें बस स्टॉप छोड़ा, किसी ने कहा बस ठीक नहीं है, फिर भी भेज दिया. अब पूछता हूं कि तीन बेटियां चली गईं, मैं क्या करूंगा?"

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मां और बच्चे की आखिरी झप्पी: सलीहा बेगम की कहानी

इस हादसे में 33 वर्षीय सलीहा बेगम और उनके तीन महीने के बेटे की मौत भी हुई. जो कि हैदराबाद अपने नाना-नानी से मिलने जा रही थीं, जब राहतकर्मी मलबा हटाकर शव को निकाल रहे थे, तो सलीहा अपने बच्चे के सीने से चिपकी मिलीं. एक मां की आखिरी झप्पी, जो अपने बच्चे को बचा नहीं सकी, लेकिन उसे अकेला भी नहीं छोड़ा.

ट्रेन छूटी, और जिंदगी भी: एक और दर्दनाक कहानी

हनुमंथु, जो हैदराबाद जाने वाली ट्रेन मिस कर गया, इसके बाद उन्होंने बस से जाने का फैसला किया. वहीं बस उनकी आखिरी यात्रा बन गई. उनका 10 साल का बेटा विवेक हादसे की जगह पर रोता रहा. चेवेल्ला में हुआ यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि सड़क दुर्घटनाएं सिर्फ आंकड़े नहीं होतीं. हादसे में जान गंवाने वाले वे वो लोग होते हैं जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता. यह हादसा बताता है कि लापरवाही की कीमत सिर्फ जान नहीं होती, बल्कि सपनों का मर जाना भी होता है.

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कैसे हुआ दर्दनाक हादसा

ट्रक हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर चेवेल्ला के पास तेलंगाना सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बस से टकरा गया जिसके बाद बजरी बस पर गिर गई. तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने चेवेल्ला स्थित उस सरकारी अस्पताल का दौरा किया, जहां दुर्घटना के पीड़ितों को भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना में 19 लोग मारे गए हैं.' बस कंडक्टर के अनुसार, दुर्घटना के समय बस में 72 यात्री सवार थे. बस तांडूर से हैदराबाद जा रही थी.

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