मुंबई:
डायरेक्टरः मिलन लूथरिया
कलाकारः अजय देवगन, इलियाना डिक्रूज, ईशा गुप्ता, इमरान हाशमी, विद्युत जामवाल और संजय मिश्रा
रेटिंगः 3 स्टार
'बादशाहो' कहानी है 1975 में लगी इमरजेंसी के वक्त की, जहां सरकार को पता चलता है की महारानी गीतांजलि के पास एक खजाना है. सरकार की नजर इसी खजाने पर होती है लेकिन महारानी गीतांजलि भी हार मानने वालों में से नहीं है और वो कुछ भी करके इस खजाने को दिल्ली तक पहुंचने से रोकना चाहती हैं. क्या ये सब हो पाएगा और होगा तो कैसे यही जानने के लिए आपको फिल्म तो देखनी ही पड़ेगी.
कमियां
फिल्म की कहानी एक लाइन की है और उसे फैलाने में फिल्म कुछ जगह पर खिंचने लगती है जैसे इमरान और विद्युत के बीच की भाग दौड़ के सीन, क्लाइमैक्स के सीन या फिर गीतांजलि (इलीआना) और भवानी (अजय देवगन) के बीच रोमांस के सीन. यानी कहानी में और दम की जरूरत थी या फिर फिल्म को थोड़ा छोटा होना चाहिए था, जिससे स्क्रीन्प्ले और कसा हुआ हो सकता था.
यह भी पढ़ें: डेरे में रहकर ही राम रहीम के खिलाफ भक्तों को भड़काता था 'बिग बॉस' का यह कंटेस्टेंट
खूबियां
ये फिल्म एक ऐक्शन से भरपूर मसाला फिल्म है इसलिए कहीं-कहीं आपका ध्यान भटकता जरूर है लेकिन फिल्म में घट रही घटनाएं आपको ज्यादा देर खुद से अलग होने नहीं देतीं. ये लार्जर दैन लाइफ सिनमा है जहां हेरोइज्म है, धारदार डाइयलॉग्ज हैं, बेहतरीन ऐक्शन और ये सब आपका मनोरंजन करते हैं. अजय देवगन का अभिनय और अन्दाज, इमरान के डाइयलॉग की अदाएगी और संजय मिश्रा के पंच आपको थ्रिल, मनोरंजन और मुस्कुराहट तीनो देंगे. फिल्म का संगीत अच्छा है फिर चाहे वो 'रश्क ए कमर' हो, 'होशियार' या फिर 'सोचा है' हो. कुल मिलाकर यह फिल्म आप देख सकते हैं और मेरी और से इसे 3 स्टार.
VIDEO: NDTVYouthForChange: सिनेमा के 'बादशाहो'
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
कलाकारः अजय देवगन, इलियाना डिक्रूज, ईशा गुप्ता, इमरान हाशमी, विद्युत जामवाल और संजय मिश्रा
रेटिंगः 3 स्टार
'बादशाहो' कहानी है 1975 में लगी इमरजेंसी के वक्त की, जहां सरकार को पता चलता है की महारानी गीतांजलि के पास एक खजाना है. सरकार की नजर इसी खजाने पर होती है लेकिन महारानी गीतांजलि भी हार मानने वालों में से नहीं है और वो कुछ भी करके इस खजाने को दिल्ली तक पहुंचने से रोकना चाहती हैं. क्या ये सब हो पाएगा और होगा तो कैसे यही जानने के लिए आपको फिल्म तो देखनी ही पड़ेगी.
कमियां
फिल्म की कहानी एक लाइन की है और उसे फैलाने में फिल्म कुछ जगह पर खिंचने लगती है जैसे इमरान और विद्युत के बीच की भाग दौड़ के सीन, क्लाइमैक्स के सीन या फिर गीतांजलि (इलीआना) और भवानी (अजय देवगन) के बीच रोमांस के सीन. यानी कहानी में और दम की जरूरत थी या फिर फिल्म को थोड़ा छोटा होना चाहिए था, जिससे स्क्रीन्प्ले और कसा हुआ हो सकता था.
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खूबियां
ये फिल्म एक ऐक्शन से भरपूर मसाला फिल्म है इसलिए कहीं-कहीं आपका ध्यान भटकता जरूर है लेकिन फिल्म में घट रही घटनाएं आपको ज्यादा देर खुद से अलग होने नहीं देतीं. ये लार्जर दैन लाइफ सिनमा है जहां हेरोइज्म है, धारदार डाइयलॉग्ज हैं, बेहतरीन ऐक्शन और ये सब आपका मनोरंजन करते हैं. अजय देवगन का अभिनय और अन्दाज, इमरान के डाइयलॉग की अदाएगी और संजय मिश्रा के पंच आपको थ्रिल, मनोरंजन और मुस्कुराहट तीनो देंगे. फिल्म का संगीत अच्छा है फिर चाहे वो 'रश्क ए कमर' हो, 'होशियार' या फिर 'सोचा है' हो. कुल मिलाकर यह फिल्म आप देख सकते हैं और मेरी और से इसे 3 स्टार.
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