राजस्थान में 53 हजार चपरासी की भर्ती के लिए 24 लाख से ज्यादा लाइन में, पहले दिन क्या-क्या हुआ

राजस्थान में 20 साल बाद सबसे बड़ी चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा हो रही है. प्रदेश भर में 53,749 पदों के लिए आयोजित हो रही इस परीक्षा में 24 लाख 75 हजार से अधिक अभ्यर्थी हिस्सा ले रहे हैं.

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  • राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा तीन दिनों में 6 पारियों में आयोजित की है
  • परीक्षा में 53,749 पदों के लिए 24 लाख से अधिक अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं और न्यूनतम योग्यता 10वीं पास रखी गई है
  • परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत मेटल डिटेक्टर जांच के साथ नोज पिन-धार्मिक धागे उतरवाए गए
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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने गुरुवार से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा शुरू कर दी है. प्रदेश भर में 53,749 पदों के लिए आयोजित हो रही इस परीक्षा में 24 लाख 75 हजार से अधिक अभ्यर्थी हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिनों तक चलने वाली यह परीक्षा 21 सितंबर तक जारी रहेगी. जिसमें कुल छह पारियों में उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. NDTV से बातचीत में आलोक राज ने बताया कि चपरासी बनने के लिए ओवर क्वालिफाइड उम्मीदवारों की लंबी कतार लगी है. परीक्षा के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास रखी गई है. लेकिन आवेदकों में 75 प्रतिशत उम्मीदवार ओवर क्वालिफाइड हैं. बता दें कि राजस्थान में 20 साल बाद सबसे बड़ी चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा हो रही है 

नोज पिन और चेन उतरवाई, धागे काटे गए

पहले ही दिन परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली. सुबह 8 बजे से ही अभ्यर्थियों को प्रवेश देना शुरू कर दिया गया था, लेकिन इसके लिए उन्हें सख्त जांच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा. मेटल डिटेक्टर से जांच के अलावा, महिला अभ्यर्थियों की बालियां, नोज पिन और चेन तक उतरवा ली गईं. कई केंद्रों पर तो अभ्यर्थियों के हाथों और गले में बंधे धार्मिक धागे और कड़े भी कैंची से काटे गए. फुल आस्तीन की शर्ट या टी-शर्ट पहनकर आए अभ्यर्थियों को एग्जाम हॉल में प्रवेश नहीं मिला. ऐसे में उन्हें बनियान में ही परीक्षा देनी पड़ी. पाली में तो एक अभ्यर्थी ब्लूटूथ डिवाइस के साथ पकड़ा गया, जिसे तुरंत निकलवाया गया.

देर से आए तो वापस लौटाया

बोर्ड के सख्त निर्देशों के अनुसार, सुबह 9 बजे के बाद किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश नहीं दिया गया. इस कारण कई उम्मीदवार जो कुछ मिनट की देरी से पहुंचे, उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया. जयपुर, अजमेर, उदयपुर, सीकर, भरतपुर और बांसवाड़ा जैसे जिलों में ऐसे कई मामले सामने आए, जहां अभ्यर्थी गेट पर हाथ जोड़कर मिन्नतें करते दिखे, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. जयपुर के बसाड़ा निवासी सुरेश कुमार गुर्जर एक मिनट की देरी से पहुंचे और भावुक होकर गेट पर खड़े रहे. बांसवाड़ा में भी 35 किलोमीटर दूर से आई एक महिला अभ्यर्थी को पांच मिनट की देरी के कारण परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिला.

2 घंटे पहले सेंटर पहुंचा, लेकिन...

परीक्षा के दौरान कई रोचक और दिल को छू लेने वाले वाकये भी देखने को मिले. राजसमंद में एक अभ्यर्थी दो घंटे पहले ही परीक्षा केंद्र पहुंच गया, लेकिन बाद में पता चला कि उसकी परीक्षा तो 21 सितंबर को है. वहीं, नागौर में एक पति अपनी पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए सुबह 5 बजे ही बाइक से केंद्र पर पहुंच गया. कई जगहों पर दूरदराज से आए परिजनों ने भी अपने बच्चों को परीक्षा दिलाने के लिए लंबा सफर तय किया.

बोर्ड की सख्त हिदायत

बोर्ड अध्यक्ष मेजर आलोक राज ने पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा है कि कोई भी कोचिंग संचालक, शिक्षक या अन्य व्यक्ति पेपर का विश्लेषण नहीं करेगा. ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि पेपर का विश्लेषण 21 सितंबर को अंतिम पारी समाप्त होने के बाद ही किया जा सकता है, ताकि किसी भी अभ्यर्थी पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े.

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