केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद रिटायर्ड पायलट राजवीर सिंह चौहान का अंतिम संस्कार जयपुर में हुआ. राजवीर ने 15 साल सेना में सेवा दी थी और हाल ही में जुड़वां बच्चों के पिता बने थे.
सीने पर सेना की वर्दी और आंखों में आंसू... केदारनाथ के गौरीकुंड में रविवार सुबह हुए हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए 37 साल के रिटायर्ड पायलट राजवीर सिंह चौहान का पार्थिव देह आज सुबह जयपुर पहुंचा. जयपुर के चांदपोल स्थित मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया. राजवीर सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए थे और चार माह पहले ही जुड़वां बच्चों के पिता बने थे. उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान भी भारतीय सेना में अधिकारी हैं और इस अंतिम यात्रा में वर्दी में शामिल हुईं. पिता गोविंद सिंह चौहान ने नम आंखों से कहा हमारे परिवार पर वज्र पड़ा है, हम टूट चुके हैं.
हादसे में चेहरा बुरी तरह झुलसा
हेलीकॉप्टर क्रैश में राजवीर की लाश बुरी तरह झुलस गई थी, इसलिए परिजनों को अंतिम दर्शन के समय उनका चेहरा नहीं दिखाया गया. बड़े भाई चंद्रवीर ने अंगूठी और घड़ी देखकर ही भाई की पहचान की. पुलिस ने पुष्टि के लिए राजवीर और चंद्रवीर के डीएनए की जांच के लिए नमूने भी लिए. परिजनों को राजवीर का चेहरा अंतिम बार देखने की अनुमति नहीं दी गई.
इलाके में छाया मातम
राजवीर सिंह चौहान ने भारतीय सेना में लगभग 15 वर्ष तक सेवा दी थी. शुरू में आर्टिलरी रेजिमेंट में रहने वाले राजवीर बाद में सेना की एविशन विंग से जुड़ गए. Pathankot में तैनात रहते हुए उन्होंने कई जोखिमभरे मिशनों में हिस्सा लिया. सितंबर 2024 में उन्होंने सेवानिवृत्ति लेकर निजी क्षेत्र की हेलीकॉप्टर कंपनी आर्यन एविएशन में पायलट का पद संभाला था . उनकी पत्नी Lt. Col. दीपिका चौहान भी भारतीय सेना में पायलट हैं. चार माह पहले ही इन्हें जुड़वां बच्चे हुए थे. राजवीर की मौत की खबर से पूरे इलाके में मातम छा गया है.
शास्त्री नगर स्थित उनके आवास पर सुबह से ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों का तांता लगा रहा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजवीर सिंह के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की.