Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा ने हाल ही में जबरन धर्मांतरण रोकने का कड़ा विधेयक (Rajasthan Anti-Conversion Bill 2025) पारित किया है. लेकिन अलवर, भरतपुर, श्रीगंगानगर और अब टोंक से लगातार सामने आ रही घटनाएं बता रही हैं कि जमीनी हालात कितने गंभीर हैं. ताजा मामला टोंक (Tonk) का है, जहां जेल रोड कोचिंग सेंटर (Jail Road Coaching Center) में शुक्रवार शाम अचानक हंगामा हो गया. 5 युवक जबरन कोचिंग में घुस आए और कोचिंग संचालक से मारपीट कर दी.
'उठा ले जाएंगे, निकाह नहीं किया तो तेजाब डाल देंगे'
ये आरोपी पिछले 1 महीने से नाबालिग छात्रा को धमकाते आ रहे थे. छात्रा ने शिकायत में बताया कि उसे उठाकर ले जाने, धर्म परिवर्तन कराने और निकाह करने की धमकी दी गई थी. विरोध करने पर चेहरों पर तेजाब डालने की चेतावनी भी दी गई. जब छात्रा ने कोचिंग स्टाफ को मामले की जानकारी दी तो संचालक ने आरोपी युवक को रोकने का प्रयास किया. इसके बाद आरोपी युवक अपने साथियों के साथ कोचिंग में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ करने लगे.
हिंदू संगठनों का हंगामा, मुख्य आरोपी समेत 2 गिरफ्तार
घटना के बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने घटना को लेकर विरोध जताया और तुरंत कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने मुख्य आरोपी ताहिर मेवाती और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. टोंक बीजेपी नेता विजय चौधरी ने कहा कि यह पूरी तरह संगठित अपराध है और पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. गौरव चारण ने बताया कि टोंक में लगातार इस तरह की घटनाओं से छात्राएं डरी हुई हैं. डीएसपी राजेश विद्यार्थी ने बताया कि मामले में FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
11 साल में 454 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया!
इसके अलावा पाकिस्तान से लगती सीमा के जिले श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ (Anupgarh) में भी जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाली गतिविधियां पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. हाल ही में चेन्नई (Chennai) से संचालित एक रैकेट का पर्दाफाश करने के बाद अब जिला प्रशासन ने गांव 6P और 16A के चर्चों पर नोटिस चस्पा कर अकृषि गतिविधियों पर रोक लगा दी. रिपोर्ट में कहा गया कि कृषि भूमि पर बिना अनुमति चर्च का संचालन हो रहा था और आसपास के गांवों में विरोध बढ़ रहा था. आरोप है कि पिछले 11 साल में 454 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया गया. एसडीएम सुरेश राव ने बताया कि जिस भूमि पर ये चर्च बने हैं वह कृषि भूमि है. संचालकों ने भूमि का रूपांतरण नहीं करवाया और नियमों के विरुद्ध कार्य कर रहे थे. दोनों चर्चों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं और संचालकों को पाबंद किया गया है कि किसी भी तरह की अकृषि गतिविधि न की जाए. यदि आदेश का उल्लंघन होता है, तो संबंधित के खिलाफ सक्षम धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.
लालच और धोखे का रैकेट: अलवर और भरतपुर में भंडाफोड़
इसके अलावा हाल ही में अलवर जिले में पुलिस ने एक क्रिश्चियन मिशनरी होस्टल पर छापा मारकर 52 बच्चों को बरामद किया. आरोप था कि बच्चों को पढ़ाई और रहने-खाने का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था. होस्टल से धर्मग्रंथ और प्रार्थना सामग्री भी बरामद हुई और दो लोग गिरफ्तार किए गए.
पुलिस ने भरतपुर में पुलिस ने किराए के मकान में चल रहे धर्म परिवर्तन सेंटर का भंडाफोड़ किया था. 100 लोगों को 5 से 10 हजार रुपये, बच्चों की पढ़ाई और बीमारी का इलाज कराने के नाम पर धर्म बदलने की पेशकश की जा रही थी.
सरकार को अभियान के तहत कार्रवाई की दरकार
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि टोंक की छात्रा के छेड़छाड़, निकाह की धमकी, अनूपगढ़ में चर्चों पर कार्रवाई, अलवर में मिशनरी होस्टल से बच्चों की बरामदगी और भरतपुर में सेंटर का खुलासा, यह साबित कर रहे हैं कि राजस्थान में जबरन धर्मांतरण करवाने वाला कितने गहरे तक अपनी जड़ें जमा चुका है. राजस्थान विधानसभा में कानून बन चुका है, लेकिन इस रैकेट के पूरे तंत्र को ध्वस्त करने के लिए सरकार को अभियान के तहत कार्रवाई की दरकार है.
20 साल तक की सजा और 25 लाख तक जुर्मानाग़ौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा ने 9 सितंबर 2025 को राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 पारित किया. यह कानून जबरन, धोखाधड़ी, प्रलोभन, दबाव या विवाह के माध्यम से किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकने के उद्देश्य से बनाया गया है. इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान है. धर्मांतरण के मामलों में 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. धोखाधड़ी से धर्मांतरण कराने पर 7 से 14 वर्ष की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांग व्यक्तियों के धर्मांतरण पर 10 से 20 वर्ष की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना रखा गया है. विदेशी या अवैध धन से धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 वर्ष की सजा और 20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही, धर्मांतरण के लिए प्रयुक्त संपत्तियों की जब्ती या ध्वस्तीकरण का प्रावधान भी है.
धर्मांतरण से 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देना अनिवार्य है. धर्मांतरण करने वाले और कराने वाले दोनों को जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पत्र देना होगा. जिला मजिस्ट्रेट मामले की जांच करेगा और आपत्तियों को आमंत्रित करेगा. अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय होंगे. साक्ष्य का बोझ आरोपी पर होगा यानी आरोपी को यह साबित करना होगा कि धर्मांतरण धोखाधड़ी, बल, प्रलोभन या विवाह के माध्यम से नहीं हुआ है.
विधेयक में हिंदू धर्म में पुनः प्रवेश रि-कन्वर्जन को धर्मांतरण नहीं माना गया है, हालांकि इसे राज्यपाल की स्वीकृति अभी नहीं मिली है.
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