Rajasthan nagar nikay chunav 2025: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में स्थानीय निकाय चुनावों की समय-सीमा को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली की पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय के 14 नवंबर 2025 के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. मामले में आज (19 दिसंबर) को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निकायों में परिसीमन प्रक्रिया और प्रशासकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के चुनाव 15 अप्रैल 2026 तक कराए जाने के लिए समय सीमा निर्धारित की थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज इसी समय सीमा को बरकरार रखा हुआ है.
कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा ने लगाई थी याचिका
दरअसल, याचिका कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा ने याचिका लगाई थी. याचिकाकर्ता ने परिसीमन, कार्यकाल समाप्ति के बाद चुनावों के स्थगन और प्रशासकों की निरंतरता की वैधता पर प्रश्न उठाया था. याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 243-ई और 243-यू के अंतर्गत स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होते ही तत्काल चुनाव कराए जाना अनिवार्य है. परिसीमन को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को टालने का आधार नहीं बनाया जा सकता.
सरकार का पक्ष- चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने पैरवी की. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने पक्ष रखा. सरकार की ओर से केविएट याचिका पर उपस्थित होकर याचिका का विरोध किया गया. सरकार ने कोर्ट में बताया कि राज्य सरकार, हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रक्रिया प्रगति पर है.
फैसले से प्रशासनिक अराजकता पैदा होगी- सरकार
सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का किसी भी प्रकार का अंतरिम अथवा अंतिम हस्तक्षेप राज्य में हो रही परिसीमन प्रक्रिया को बाधित करेगा. वार्ड सीमाओं, मतदाता सूचियों एवं आरक्षण रोस्टर को लेकर अनिश्चितता उत्पन्न करेगा और संपूर्ण राज्य में प्रशासनिक अराजकता को जन्म देगा.
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