- विधायक नौक्षम चौधरी कामां विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और आपदा प्रभावित परिवारों से मिलकर मदद कर रही हैं
- उन्होंने सड़क दुर्घटना में मृत राजवीर के परिवार की आर्थिक मदद की, इस दौरान वह भावुक हो गईं
- नौक्षम चौधरी ने डुबोकर गांव में मकान गिरने की घटना में मरे बच्चों के परिवार को भी वित्तीय सहायता दी थी
Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले की कामां विधानसभा सीट से विधायक नौक्षम चौधरी (Nauksham Chaudhary) इन दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. अपने कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के साथ सीधे संवाद करने के साथ-साथ, वह उन परिवारों से भी मिल रही हैं जिन पर हाल ही में कोई आपदा आई है. हाल ही में, एक पीड़ित परिवार से मिलने के दौरान विधायक नौक्षम चौधरी खुद को रोक नहीं पाईं और भावुक होकर रो पड़ीं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
क्यों भावुक हुईं नौक्षम चौधरी?
25 सितंबर 2025 को, विधायक नौक्षम चौधरी एक सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले राजवीर के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थीं. राजवीर नौगांव गांव के रहने वाले थे और फरीदाबाद में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी. वह अपने परिवार में अकेले कमाने वाले व्यक्ति थे. राजवीर की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था. पीड़ित परिवार, खासकर महिलाओं के दुख को देखकर विधायक भी अपने आप को नहीं रोक पाईं. वह उनके बीच बैठकर खुद भी भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक आए. उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया, उनकी हिम्मत बढ़ाई और आर्थिक मदद के तौर पर 51 हजार रुपये दिए.
1 लाख रुपये की दी थी मदद
यह पहली बार नहीं है जब नौक्षम चौधरी इस तरह से भावुक हुई हैं. इससे पहले, 8 सितंबर, 2025 को कामां इलाके के डुबोकर गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ था. रात के समय एक दो मंजिला मकान गिरने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी. इस हादसे में बच्चों की मां समेत तीन अन्य बच्चे भी घायल हो गए थे. सूचना मिलते ही विधायक नौक्षम चौधरी मौके पर पहुंची थीं. वहां बच्चों के जनाजे को देखकर उनकी आंखों से भी आंसू छलक आए थे. उस समय उन्होंने पीड़ित परिवार को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी थी और सरकार तथा प्रशासन से हर संभव मदद का भरोसा दिया था.
कौन हैं विधायक नौक्षम चौधरी?
नौक्षम चौधरी पहली बार विधायक बनी हैं. उनका जन्म 1993 में हरियाणा के मेवात में हुआ था. उनके परिवार का राजनीति और प्रशासन से गहरा संबंध है. उनकी मां रंजीता कौर हरियाणा कैडर में एक IAS ऑफिसर हैं, और उनके पिता राम सिंह चौधरी एक रिटायर्ड जज हैं. उनके चाचा भी IPS ऑफिसर रह चुके हैं.
मिरांडा हाउस कॉलेज से की पढ़ाई
नौक्षम चौधरी की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से इतिहास में हुई. इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए इटली के मिलान शहर में बिजनेस और फैशन की पढ़ाई की. बाद में, उन्होंने लंदन में मीडिया प्रमोशन एंड कम्युनिकेशन का कोर्स किया और सिंगापुर में नौकरी भी की.
हरियाणा में हारीं, राजस्थान में जीतीं
2019 में नौकरी छोड़कर वह हरियाणा लौट आईं और भाजपा के टिकट पर पुन्हाना सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं. 2023 में भाजपा ने उन्हें राजस्थान के कामां विधानसभा से प्रत्याशी बनाया. इस बार नौक्षम ने 78,646 वोट हासिल कर 13,906 वोटों के अंतर से निर्दलीय उम्मीदवार मुख्तार अहमद को हराया. इस सीट से गहलोत सरकार में मंत्री रहीं कांग्रेस की जाहिदा खान तीसरे नंबर पर रही थीं.
(डीग से अकरमदीन खान की रिपोर्ट)
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