राजस्थान की जयपुर पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए, फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया है. मालवीय नगर और प्रतापनगर क्षेत्र में चलाए जा रहे दो कॉल सेंटरों पर संयुक्त छापेमारी कर 49 पुरुषों और 11 महिलाओं सहित कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ठगी का तरीका
यह गिरोह खुद को Amazon और Apple के ग्राहक सेवा केंद्र बताकर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता था. आरोपी इंटरनेट पर अपने फर्जी कस्टमर केयर नंबरों को गूगल सर्च में ऊपर दिखाते थे. जब अमेरिकी नागरिक तकनीकी मदद या रिफंड के लिए इन नंबरों पर कॉल करते थे, तो गिरोह के डायलरों द्वारा कॉल रिसीव की जाती थी.
डराना और पैसा निकलवाना
इसके बाद कॉल को "क्लोजर्स" को ट्रांसफर किया जाता था, जो खुद को बैंक अधिकारी या अमेरिकी सरकारी एजेंसी (जैसे FBI या IT विभाग) का प्रतिनिधि बताते थे. वे पीड़ितों को फर्जी वारंट और नोटिस भेजकर डराते थे. पीड़ितों को नए बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया के नाम पर झांसा देकर, धोखे से गिरोह के फर्जी खातों में पैसा ट्रांसफर करवाया जाता था. इस रकम को बाद में क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के जरिए भारत में भेजा जाता था.
हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 57 कंप्यूटर और 3 लैपटॉप जब्त किए हैं. जांच में पता चला है कि आरोपी कॉलिंग के लिए EYEBEAM और VICI जैसी हाईटेक क्लाउड कॉलिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे थे और सभी सिस्टम VPN पर चल रहे थे, जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था.
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अब तक लाखों डॉलर की धोखाधड़ी कर चुका है. आरोपियों के कब्जे से हजारों अमेरिकी नागरिकों की निजी और बैंकिंग जानकारी, कॉल रिकॉर्डिंग और ठगी के दस्तावेज भी मिले हैं. पुलिस ने प्रतापनगर और मालवीय नगर थानों में मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिसमें इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों के सामने आने की संभावना है.














