अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में डॉक्टरों ने एक दुर्लभ बीमारी की सर्जरी की है, जिससे 38 साल की महिला को नई जिंदगी मिली है. बताया जा रहा है कि महिला पिछले 6 महीने से पेट दर्द और उलटी की परेशानी से जूझ रही थी. वहीं जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि महिला को कोलिडोकल सिस्ट टाइप-3 नाम की दुर्लभ बीमारी है. जो पित्त की थैली की नली में गांठ बनने से होता है. कहा जाता है कि यह जन्मजात और बेहद ही दुर्लभ बीमारी है. ऐसी बीमारी एक लाख लोगों में केवल एक मरीज में पाया जाता है.
वहीं कोलिडोकल सिस्ट टाइप-3 बीमारी का एक ही इलाज है, वह है बड़ी सर्जरी. वरना इससे कैंसर का खतरा बना रहता है.
बड़ी सर्जरी को दूरबीन विधि से डॉक्टरों ने पहली बार किया
इस दुर्लभ बीमारी की सर्जरी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में किया गया है. सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. शिवकुमार बुनकर ने अपनी टीम के साथ किया. यह सर्जरी सामान्यतः बड़े चीरे से की जाती है, लेकिन टीम ने इसे लेप्रोस्कोपिक तकनीक (दूरबीन विधि) से अंजाम दिया गया. जिससे केवल छोटा चीरा लगाया गया और मरीज जल्दी स्वस्थ हो गई. टीम में डॉ. नरेश कुमार मीणा, डॉ. हितेश और डॉ. मेरुल शामिल थे, जबकि निश्चेतन विभाग से डॉ. अरविंद खरे, डॉ. मैना सिंह, डॉ. कुलदीप और डॉ. मुकुट ने सहयोग दिया.
ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निशुल्क किया गया. संसाधन उपलब्ध कराने में प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया, अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे और अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. श्याम भूतड़ा का विशेष सहयोग रहा.
क्या होता है कोलिडोकल सिस्ट टाइप-3
कोलिडोकल सिस्ट एक प्रकार की जन्मजात विकृति है जिसमें पित्त नलिकाओं में असामान्य फैलाव होता है. कोलिडोकल सिस्ट को टोडानी वर्गीकरण के अनुसार कई प्रकारों में बांटा जाता है, जिनमें टाइप-3 एक है. इसमें पित्त पथरी, पैंक्रियाटाइटिस और कैंसर का जोखिम होता है. यह बीमारी पित्त नलिकाओं में असामान्यता और कुछ मामलों में आनुवंशिक कारण भी शामिल हो सकते हैं. इस बीमारी की लक्षणों में पेट दर्द, पीलिया, और पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं.
यह भी पढ़ेंः जयपुर में महिला के पेट से निकला 6 किलो बालों का गुच्छा, डॉक्टरों ने बताया दुर्लभ बीमारी