पंजाब में सेना के कर्नल से मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, आरोपी पुलिस अफसरों की याचिका खारिज

कोर्ट ने यह भी कहा कि युद्ध के समय आप इन सैन्य अधिकारियों का महिमामंडन करते हैं, लेकिन शांति के समय उनका अपमान करते हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि आरोपी पुलिस अधिकारी अग्रिम ज़मानत खारिज होने के बावजूद खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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  • सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों को सेना के कर्नल के साथ मारपीट मामले में कड़ी फटकार लगाई
  • कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के CBI जांच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया
  • सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि सैन्य अधिकारियों का सम्मान करें क्योंकि वे सीमा पर देश की रक्षा करते हैं
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नई दिल्ली/चंडीगढ़:

पंजाब के पटियाला में सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस के आरोपी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि सेना का सम्मान करिए, उनकी वजह से आप चैन से सोते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा CBI जांच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, "देश की सेवा करने वाले सैन्य अधिकारी को बहुत बुरी तरह पीटा गया है."

कोर्ट ने यह भी कहा कि युद्ध के समय आप इन सैन्य अधिकारियों का महिमामंडन करते हैं, लेकिन शांति के समय उनका अपमान करते हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि आरोपी पुलिस अधिकारी अग्रिम ज़मानत खारिज होने के बावजूद खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. FIR दर्ज करने में भी 8 दिन की देरी हुई. कोर्ट ने कहा, "सेना के लोगों का सम्मान करें, आप अपने घर में चैन की नींद सो रहे हैं क्योंकि वह आदमी -40 डिग्री तापमान में सीमा पर तैनात है."

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संकेत दिया कि याचिका दायर करने के लिए ₹10 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि, कर्नल की ओर से पेश हुए वकील समीर सोढ़ी की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी गई. पुलिस अफसरों ने हाईकोर्ट के CBI जांच के आदेश पर रोक लगाने और कठोर कार्रवाई से बचने की मांग की थी. इससे पहले हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस की SIT जांच की धीमी गति और निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए मामला CBI को सौंप दिया था.

मारपीट की यह घटना 13-14 मार्च 2025 की रात की है, जब कर्नल बाठ अपने बेटे अंगद के साथ पटियाला के हरबंस ढाबे पर खाना खा रहे थे. पार्किंग को लेकर हुए विवाद में 12 पुलिसकर्मियों ने कर्नल और उनके बेटे को बुरी तरह पीटा और जान से मारने की धमकी दी. सोशल मीडिया पर मामला उठने के बाद FIR दर्ज की गई और 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया.

इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित परिवार लगातार गिरफ्तारी की मांग कर रहा है. जब कार्रवाई नहीं हुई तो कर्नल की पत्नी ने डीसी दफ्तर के बाहर धरना दिया. हाईकोर्ट ने SIT प्रमुख से भी सवाल पूछे और हत्या के प्रयास की धारा हटाने पर नाराजगी जताई. सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच CBI को सौंप दी.
 

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