स्वर्ण मंदिर गुरबाणी प्रसारण विवाद मामला पिछले काफी वक्त से चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को चिट्ठी लिखी थी. राज्यपाल ने सोमवार को इसका जवाब दिया है. राज्यपाल ने सीएम को लिखा, "मैंने कानूनी सलाह ली है, जिससे मुझे भरोसा है कि 19 और 20 जून को जब यह चार बिल पास किए गए, तो विधानसभा का सत्र बुलाना ही नियम और प्रक्रिया का उल्लंघन था. इसलिए इन विधायकों की कानूनी वैधता पर शक है."
राज्यपाल ने आगे कहा, "मैं इस बारे में विचार कर रहा हूं कि अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया की सलाह लूं या फिर संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति की अनुशंसा के लिए इन विधायकों को आरक्षित कर दूं. आप आश्वस्त हो सकते हैं कि मैं 19 और 20 जून के सत्र की पहले वैधता देखूंगा."
राज्यपाल ने कहा, "मुख्यमंत्री के रूप में आप इस बात की सराहना करेंगे कि पंजाब के लोग यह सुनिश्चित करने के लिए समान रूप से चिंतित हैं कि जो कानून अंततः उन्हें प्रभावित करते हैं, उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद पारित किया जाए."
आपको बता दें इस शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को चिट्ठी लिखी थी. मुख्यमंत्री ने कहा था, "आपको 26 जून सिख गुरद्वारा संशोधन कानून पास करके भेजा था, लेकिन आपने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए."
दरअसल, पंजाब विधानसभा ने 20 जून को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का निशुल्क प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया था. एक दिन पहले, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने कहा था कि वह स्वर्ण मंदिर से गुरबानी के प्रसारण के लिए एक सैटेलाइट चैनल और अपना यूट्यूब चैनल शुरू करेगी.
फिर दो दिन पहले ही एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था कि 24 जुलाई से गुरबाणी का प्रसारण यूट्यूब के जरिए होगा. जिसके सारे अधिकार एसजीपीसी के पास होंगे. एक प्राइवेट कंपनी भी प्रसारण के लिए उनके साथ रहेगी. धामी की तरफ से कहा गया कि इसके बाद एक सेटेलाइट चैनल शुरू करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया जाएगी और तीन महीने के बाद एसजीपीसी अपना सेटेलाइट चैनल लेकर आएगी. इस यूट्यूब चैनल का नाम 'सचखंड श्री हरमंदर साहिब अमृतसर' रखने की घोषणा की गई थी. हालांकि, इसकी फाइल क्लियर नहीं हो पाई है.
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